कोरोना वैक्सीन पर बड़ा झटका! ट्रायल में शामिल शख्स को हुई ये बीमारी, मांगा 5 करोड़

ट्रायल में शामिल व्यक्ति की उम्र 40 साल है। इस शख्स ने बताया कि वैक्सीन की खुराक लेने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट नजर आए हैं। साइड इफेक्ट में वर्चुअल न्यूरोलॉजिकल ब्रेकडाउन जैसी समस्याएं भी शामिल है। इस व्यक्ति ने पांच करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है।

Update:2020-11-29 19:40 IST
कोविडशील्ड वैक्सीन के ट्रायल में शामिल एक शख्स ने खुराक लेने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट होने का दावा किया है। चेन्नई में हुए ट्रायल में यह शख्स शामिल हुआ था।

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस जानलेवा महामारी की मार झेल रहे लोगों को वैक्सीन का इंतजार है। अब इस बीच वैक्सीन का इंतजार कर रहे लोगों को झटका लगा है। कोविडशील्ड वैक्सीन के ट्रायल में शामिल एक शख्स ने खुराक लेने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट होने का दावा किया है। चेन्नई में हुए ट्रायल में यह शख्स शामिल हुआ था।

ट्रायल में शामिल व्यक्ति की उम्र 40 साल है। इस शख्स ने बताया कि वैक्सीन की खुराक लेने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट नजर आए हैं। साइड इफेक्ट में वर्चुअल न्यूरोलॉजिकल ब्रेकडाउन जैसी समस्याएं भी शामिल है। इस व्यक्ति ने पांच करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है। बता दें कि इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने बनाया है।

ट्रायल पर भी रोक लगाने की मांग

इस व्यक्ति ने सीरम इंस्टीट्यूट और अन्य को एक कानूनी नोटिस भेजा है। इस नोटिस में उसने मुआवजे के ट्रायल पर भी रोक लगाने की मांग की है। व्यक्ति का आरोप है कि संभावित वैक्सीन सुरक्षित नहीं है। इसके साथ ही उसने वैक्सीन की जांच, उत्पादन और वितरण को रद्द करने की मांगकी है। गौरतलब है कि कोविडशील्ड वैक्सीन का भारत में ट्रायल पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हो रहा है। यह नोटिस सीरम इंस्टीट्यूट के साथ यह आईसीएमआर और श्री रामचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन रिसर्च को भी भेजा गया है।

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1 अक्टूबर को दी गई थी वैक्सीन

व्यक्ति का आरोप है कि वैक्सीन लगवाने के बाद उसे तीव्र मस्तिष्क विकृति, मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली क्षति अथवा रोग का सामना करना पड़ा है। उसने आगे बताया कि सभी जांचों से पता चला है कि उसकी सेहत को टीका परीक्षण से नुकसान हुआ है। इस व्यक्ति को एक अक्टूबर को वैक्सीन दी गई थी।

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उसने आरोप लगाया है कि वैक्सीन की खुराक लेने के बाद उसे एक्यूट एंसेफेलोपैथी(दिमाग को प्रभावति करने वाली बीमारी) का सामना करना पड़ा है। व्यक्ति ने कहा है कि सभी जांचों से यह स्पष्ट हो गया है कि उसके स्वास्थ्य में आई समस्याओं का कारण वैक्सीन ही है। इस नोटिस में कहा है कि वैक्सीन लेने के बाद व्यक्ति ट्रॉमा में चला गया। इससे साफ है कि वैक्सीन सुरक्षित नहीं है और सभी हिस्सेदारों द्वारा उन प्रभावों को छिपाने की कोशिश की जा रही है जो उक्त व्यक्ति पर नजर आए हैं।

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