भारत की 8 वैक्सीन: जानिए कौन सी मिलेगी पहले, इस चरण में पहुंचा ट्रायल
हाल ही में तीन कंपनियों ने भारत सरकार की ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति मांगी है।
नई दिल्ली. कोरोना संकट के बीच देश के लोगों की उम्मीद कोविड 19 वैक्सीन से हैं। ऐसे में भारत में 8 कंपनियां कोरोना की वैक्सीन विकसित करने में लगी हैं। ये वैक्सीन कब तक आएंगी, इसका निर्धारण तो इन टीकों के डेवलेपमेंट की प्रक्रिया पर निभर करता है। बता दें कि जहां रूस ने आम लोगों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और ब्रिटेन ने मंगलवार को पहला टीका एक 90 साल की वृद्धा को दिया, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि भारत में भी जल्द वैक्सीन तैयार हो जायेगी।
भारत में 8 कंपनियां विकसित कर रही कोरोना की वैक्सीन
हाल ही में तीन कंपनियों ने भारत सरकार की ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति मांगी है। इनमे अमेरिका की फार्मा कम्पनी फाइजर और सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन के अलावा भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सीन' नाम भी शामिल हैं। इन वैक्सीन को जल्द से जल्द विकसित करने की बात सामने आ रही है। ऐसे में जान लें कि भारत में कौन कौन सी कंपनियां वैक्सीन को डेवलप कर रहीं हैं और उनकी वैक्सीन किस प्रक्रिया तक पहुँच चुकी है।
ये हैं 8 वैक्सीन-
1-कोविशील्ड वैक्सीन
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया चिम्पैंजी के एडेनोवायरस पर आधारित एक वैक्सीन को विकसित कर रही है। इस वैक्सीन का नाम कोविशील्ड है। सीरम इंस्टीट्यूट इसे एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर बना रही है। सीरम इंस्टीट्यूट की ये वैक्सीन ट्रायल के अपने दूसरे और तीसरे चरण में है। सीरम ने DCGI से भारत में इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति के लिए आवेदन किया है।
कोवैक्सीन
हैदराबाद स्थित भारत बॉयोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) मिलकर कोवाक्सिन को विकसित कर रहे हैं। ये कोरोना वायरस के इनएक्टिवेटेड वायरस पर आधारित है। कोवाक्सिन ट्रायल के तीसरे चरण में है। भारत बायोटेक ने भी इसके आपात इस्तेमाल की इजाजत मांगी है।
जाइकोव-डी
डीएनए पर आधारित कोरोना वायरस की वैक्सीन 'जाइकोव-डी' को अहमदाबाद की कैडिला हेल्थकेयर और बॉयोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट मिलकर बना रही हैं। वैक्सीन ट्रायल के तीसरे दौर में है।
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स्पूतनिक-V वैक्सीन
रूस की स्पूतनिक-V वैक्सीन ह्यूमन (मानव) एडेनोवायरस पर आधारित वैक्सीन है। रूसी कंपनी गमालेया नेशनल सेंटर भारत में हैदराबाद की डॉ. रेड्डीज लैब के साथ मिसकर इसे विकसित कर रही है। स्पूतनिक-V वैक्सीन का दूसरा चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है। अगले सप्ताह से तीसरा चरण शुरू होगा।
NVX-CoV2373 वैक्सीन
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया एक और वैक्सीन बना रही है। नोवावैक्स के साथ मिलकर सीरम NVX-CoV2373 वैक्सीन विकसित कर रही है, जो कि प्रोटीन के सब यूनिट पर आधारित है। भारत में इसके तीसरे चरण के ट्रायल की तैयारियां चल रही हैं।
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रेकॉम्बीनैंट प्रोटीन एंटीजन
हैदराबाद की कंपनी बॉयोलॉजिकल ई लिमिटेड अमेरिकी कंपनी एमआईटी यूएसए के साथ मिलकर Recombinant Protein Antigen पर आधारित वैक्सीन तैयार कर रही है। इस वैक्सीन का जानवरों पर ट्रायल पूरा हो चुका है। वैक्सीन अपने ह्यूमन ट्रायल के पहले और दूसरे चरण में है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है।
HGCO 19 वैक्सीन
पुणे की कंपनी Genova अमेरिकी कंपनी HDT के मिलकर HGCO 19 वैक्सीन विकसित कर रही है। mRNA आधारित इस वैक्सीन का जानवरों पर ट्रायल पूरा हो चुका है। वहीं ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल का पहला और दूसरा चरण अभी शुरू होने वाला है।
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Inactivated rabies vector platform
भारत बॉयोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और अमेरिका की थॉमस जैफरसन यूनिवर्सिटी मिलकर इनएक्टिव रैबीज वैक्टर प्लेटफाॅर्म नाम की कोरोना वायरस वैक्सीन बना रहे है। वैक्सीन अपने प्री-क्लिनिकल (एडवांस्ड) स्टेज में है।
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