ममता बनर्जी ने आखिर क्यों अपने ही अधिकारी के खिलाफ उठा लिया इतना बड़ा कदम!

पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव विवेक कुमार को हटा दिया गया है। उन्हें पर्यावरण विभाग भेजा गया है। दरअसल, कोरोना को लेकर ममता सरकार पर कई आरोप लग रहे हैं। खास तौर पर डेटा छिपाने की तोहमत लगाई गई थी।

Update: 2020-05-12 06:55 GMT

दुर्गापुर: पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव विवेक कुमार को हटा दिया गया है। उन्हें पर्यावरण विभाग भेजा गया है। दरअसल, कोरोना को लेकर ममता सरकार पर कई आरोप लग रहे हैं। खास तौर पर डेटा छिपाने की तोहमत लगाई गई थी।

अब नारायण स्वरूप निगम को स्वास्थ्य सचिव बनाया गया है। अपने स्वास्थ्य सचिव पर कार्रवाई से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। सोमवार को हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार संघीय ढांचा बनाए रखे। कोरोना से संकट के समय में राजनीति ठीक नहीं है।

केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसे वक्त में केंद्र को राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्य अच्छा काम कर रहा है। केंद्र को समझना चाहिए कि बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है। बंगाल को लिखी केंद्र की चिट्ठी पहले ही लीक होती है।

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किस चिट्ठी को लेकर बवाल?

पिछले दिनों केंद्रीय टीम ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें राज्य में खराब इंतजाम को दिखाया गया है। उस चिट्ठी में टीम के मुखिया और भारत सरकार के विशेष सचिव अपूर्व चंद्रा ने लिखा है कि राज्य सरकार ने अलग-अलग समय पर मरने वालों और कोरोना मरीजों का जो ब्योरा दिया है, उनमें बहुत फर्क है।

इस केंद्रीय टीम का कहना था कि राज्य में कोरोना से मृत्युदर 12।8 फीसदी है जो किसी भी राज्य से ज्यादा है। ये अत्यधिक उच्च मृत्यु दर राज्य में बेहद कम टेस्टिंग होना और कोरोना मरीजों की निगरानी और ट्रैकिंग की कमजोर व्यवस्था के कारण है। केंद्रीय टीम के आरोपों पर ममता के सांसद ने सीधे केंद्र पर हमला बोला था।

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