कंपकंपी और सिरदर्द को हल्के में ना लें, कोरोना के छह नए लक्षणों का पता लगा
अमेरिका की स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) ने छह और लक्षण इसमें जोड़ दिए हैं। सीडीसी का कहना है कि ये छह नए संकेतक भी कोरोना वायरस के संक्रमण की ओर इशारा करते हैं।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। दुनिया भर के विशेषज्ञ इन दिनों की इस बात का पता करने की कोशिश में जुटे हैं कि आखिर किन लक्षणों से कोरोना वायरस की पहचान की जाए। वे यह जानना चाहते हैं कि आखिर कैसे किसी को पता चल सकेगा कि उस पर इस खतरनाक वायरस का हमला हो चुका है। इस बीच अभी तक कोरोना वायरस के जो शुरुआती लक्षण बताए जा रहे थे, उनमें छह नए लक्षण और जोड़ दिए गए हैं।
सीडीसी ने बताए छह नए लक्षण
अभी तक विशेषज्ञों का कहना था की सूखी खांसी, तेज बुखार, थकान-कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ को कोरोना वायरस के हमले की आहट माना जा सकता है। बाद में सीने में दर्द और खिंचाव, नींद से जागने पर भ्रम की स्थिति, चेहरा या होंठ नीले पड़ने को भी संक्रमण के लक्षणों में शामिल किया गया था। अब अमेरिका की स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) ने छह और लक्षण इसमें जोड़ दिए हैं। सीडीसी का कहना है कि ये छह नए संकेतक भी कोरोना वायरस के संक्रमण की ओर इशारा करते हैं।
ऐसा होने पर डॉक्टरों से तुरंत संपर्क करें
कोरोना के नए लक्षणों की ओर इशारा करते हुए सीडीसी का कहना है कि किसी को सिर दर्द, कंपकंपी लगना या गले में खराश को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। कंपकंपी के साथ शरीर थरथराने, मांसपेशियों में तनाव, मुंह का स्वाद बिगड़ने या सूंघने की क्षमता कमजोर पड़ने की शिकायत होने पर भी तुरंत चिकित्सकों से संपर्क करना चाहिए।
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विस्तृत अध्ययन करने में जुटे हैं विशेषज्ञ
चिकित्सा विशेषज्ञ और वैज्ञानिक कोरोना के लक्षणों को लेकर विस्तृत अध्ययन करने में जुटे हुए हैं। सीडीसी का कहना है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों में कई लक्षण सामने आ रहे हैं। जो लक्षण तीव्रता के साथ दिखते हैं उन्हें पहले ही सूचीबद्ध किया जा चुका है। सीडीसी का कहना है कि कुछ संक्रमितों खासकर बच्चों और युवाओं में पैर और पंजे में नीले और बैगनी रंग के छाले भी पड़ सकते हैं। चिकित्सकों ने इसे कोविड टोज नाम दिया है।
कुछ मरीजों में देर से दिखते हैं लक्षण
सीडीसी की ओर से स्पष्ट किया गया है कि कोरोना के संक्रमण में नाक बहने की शिकायत अभी तक कम ही देखने को मिली है। छींक आने को भी फिलहाल कोरोना का लक्षण नहीं माना गया है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ मरीजों में कोरोना के लक्षण तुरंत दिखाई देने लगते हैं जबकि कुछ मरीजों में ये लक्षण कुछ देर से सामने आते हैं।
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उनका कहना है कि कोरोना वायरस का लक्षण दो दिन से लेकर 14 दिनों में दिखाई पड़ सकते हैं। इसका कारण बताते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि हर व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता अलग-अलग होती है। यदि किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है तो उसमें इस वायरस के लक्षण दिखने में ज्यादा समय लगता है।
खून गाढ़ा होने की समस्या भी मिली
न्यूयार्क के माउंट सिनाई हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कोरोना का संक्रमण बढ़ने पर जब कुछ मरीजों की पड़ताल की उनके अंगों में खून गाढ़ा होने की समस्या भी मिली। अस्पताल के डॉक्टरों की चेतावनी है कि यह वायरस कम उम्र के मरीजों में भी स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
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