150 करोड़ चंदा देने वाला रेलवे मजदूरों से वसूल रहा किराया, सुलझाएं गुत्थी: राहुल
कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन है। इसकी वजह से मजदूर लंबे अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए थे। अब करीब एक महीने बाद उन्हें घर जाने की अनुमति मिली है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन है। इसकी वजह से मजदूर लंबे अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए थे। अब करीब एक महीने बाद उन्हें घर जाने की अनुमति मिली है। हालांकि इस बीच केंद्र सरकार ने रेल किराये का सारा खर्च मजदूरों से वसूलने का फैसला किया है। इस पर सियासत तेज हो गई। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम केयर फंड को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों से टिकट का भाड़ा वसूल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है। जरा ये गुत्थी सुलझाइए!'
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गौरतलब है कि राज्य सरकारों के अपील पर रेल मंत्रालय श्रमिक स्पेशल ट्रेने चला रहा है। इन ट्रेनों से फंसे हुए कामगारों, छात्रों, श्रद्धालुओं आदि को वापस उनके राज्य भेजा रहा है।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एलान किया है प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व जरूरी कदम उठाएगी। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का यह देशवासियों की मदद और उनके साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े होने का प्रयास भर है।
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सोनिया गांधी की तरफ से सोमवार को जारी बयान में कहा गया है कि सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन लागू होने की वजह से देश के मजदूर अपने घर वापस जाने से वंचित रह गए। 1947 के बाद देश ने पहली बार इस तरह का मंजर देखा जब लाखों मजदूर पैदल ही हजारों किमी चलकर घर जाने में लगे हैं।
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आरोग्य सेतु ऐप पर राहुल ने खड़े किए हैं सवाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की ओर से चलाए गए आरोग्य सेतु ऐप पर भी सवाल खड़े कर चुके हैं। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा था, 'आरोग्य सेतु ऐप, एक परिष्कृत निगरानी प्रणाली है, जो एक प्राइवेट ऑपरेटर द्वारा आउटसोर्स है, जिसमें कोई संस्थागत निरीक्षण नहीं किया जा रहा है।