Alert: कोरोना के बाद विश्व बैंक ने दुनिया भर के देशों को इस बात के लिए किया आगाह
विश्व बैंक ने अनुमान जाहिर किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण इस साल चीन तथा अन्य पूर्वी एशिया प्रशांत देशों में अर्थव्यवस्था की रफ्तार बहुत धीमी रहने वाली है जिससे लाखों लोग गरीबी की ओर चले जाएंगे।
नई दिल्ली: विश्व बैंक ने अनुमान जाहिर किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण इस साल चीन तथा अन्य पूर्वी एशिया प्रशांत देशों में अर्थव्यवस्था की रफ्तार बहुत धीमी रहने वाली है जिससे लाखों लोग गरीबी की ओर चले जाएंगे। बैंक ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह आंशका व्यक्त की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में इस वर्ष विकास की रफ्तार 2.1% रह सकती है जो 2019 में 5.8% थी। बैंक का अनुमान है कि 1.1 करोड़ से अधिक संख्या में लोग गरीबी के दायरे में आ जाएंगे।
यह अनुमान पहले के उस अनुमान के विपरित है जिसमें कहा गया था कि इस वर्ष विकास दर पर्याप्त रहेगी और 3.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ जाएंगे। इसमें कहा गया है कि चीन की विकास दर भी पिछले साल की 6.1 फीसदी से घटकर इस साल 2.3 फीसदी रह जाएगी।
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भारत को 1 बिलियन डॉलर की देने की पेशकश
वहीं विश्व बैंक ने कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए भारत को स्वास्थ्य प्रणालियों को दुरुस्त करने के लिए कहा है साथ ही भारत सरकार को 1 बिलियन डॉलर की देने की पेशकश की है। इस चार वर्षीय परियोजना का उद्देश्य महामारी के समय में भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की तैयारियों को विकसित करना है।
परियोजना दस्तावेज के अनुसार, भारत में स्वास्थ्य सिस्टम को सही तरह से चलाने के लिए इस प्रोजेक्ट को तैयार की जा रहा है। जिससे भारत कोविड -19 के खतरे से बच सके।
इसके साथ ही सरकार का आकलन है कि आने वाले वर्षों में कोविड -19 जैसे प्रकोप जारी रहेंगे, और इसलिए बीमारी की अगली लहर से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाने की आवश्यकता है।
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