समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस: आरोपियों के बरी होने पर पाकिस्तान ने एतराज जताया
यह एक आतंकवादी घटना थी जिसमें 18 फरवरी, 2007 को भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट हुआ था। यह ट्रेन दिल्ली से पाकिस्तान जा रही थी। यह विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग़ थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नज़दीक हुआ था। विस्फोट से लगी आग में 68 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 13 अन्य घायल हो गए थे। मारे गए ज़्यादातर लोग पाकिस्तानी नागरिक थे।
नई दिल्ली: वर्ष 2007 में हुए समझौता ब्लास्ट केस में पंचकूला की एनआईए कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए स्वामी असीमानंद समेत लोकेश शर्मा, कमल चौहान और रजिंदर चौधरी मुख्य सभी चार आरोपियों को बरी कर दिया है।
पाकिस्तान सरकार ने ऐतराज जताया
मामले में चारों आरोपियों के रिहा होने पर पाकिस्तान सरकार ने ऐतराज जताया है। पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को विरोध दर्ज कराने के लिए बुलाया है। पाकिस्तान के कार्यकारी विदेश सचिव ने कहा, 'पाकिस्तान ने लगातार कहा है कि इस मामले में देरी हुई और भारत ने दोषियों को रिहा करने के प्रयास किए. इस हमले में 44 निर्दोष पाकिस्तानी मारे गए।
पाकिस्तान ने अपने बयान में कहा, 'इस मसले को लगातार उठाया गया। 2016 में हर्ट ऑफ एशिया मीटिंग में भी इस बारे में कहा गया। फैसले में देरी और दूसरे मामलों में आरोपियों की रिहाई पर आधिकारिक नोटिस भी जारी किए गए। आज के फैसले ने न्याय का मजाक उड़ाया है और भारतीय अदालतों की काबिलियत और आतंकवाद पर पाकिस्तान पर आरोप लगाने के भारत के दोगलेपन की पोल खोल दी है।
पाकिस्तान सरकार ने आगे आरोप लगाया है कि भारत ने मारे गए 44 पाकिस्तानी लोगों के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाई है। यह फैसला भारत सरकार के हिंदू आतंकियों को बचाने और उनको बढ़ावा देने की नीति की ओर इशारा करता है।
बता दें कि इस मामले पर 14 मार्च को फैसला आना था लेकिन पाकिस्तानी महिला वकील ने ईमेल के जरिए याचिका दायर की थी कि उनके पास इस मामले के पर्याप्त सबूत हैं। उनके दावे के बाद मामले की सुनवाई को 20 मार्च तक के लिए टाल दिया गया था। कोर्ट ने बुधवार को महिला की याचिका को सीआरसीपीसी की धारा 311 के तहत खारिज कर दिया।
ये है समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस
यह एक आतंकवादी घटना थी जिसमें 18 फरवरी, 2007 को भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट हुआ था। यह ट्रेन दिल्ली से पाकिस्तान जा रही थी। यह विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग़ थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नज़दीक हुआ था। विस्फोट से लगी आग में 68 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 13 अन्य घायल हो गए थे। मारे गए ज़्यादातर लोग पाकिस्तानी नागरिक थे।
गौरतलब है कि अगस्त 2014 में इस मामले के मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद को ज़मानत मिल गई थी। कोर्ट में जांच एजेंसी एनआईए असीमानंद के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं दे पाई थी। उन्हें सीबीआई ने 2010 में उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया था। ब्लास्ट के सभी आरोपियों के खिलाफ ये मामला पंचकुला की एनआईए कोर्ट में चल रहा था। इस मामले में कुल 224 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे।