नई दिल्ली : सीबीआई ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक सील बंद लिफाफे में बिजनेसमैन कार्ति चिदंबरम की विदेशों में स्थित 25 अघोषित संपत्तियों की सूची सौंप दी है। दूसरी ओर कार्ति ने इस तरह की संपत्तियों से अपना संबंध होने से पूरी तरह इंकार कर दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री व शीर्ष कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के इस व्यवसायी पुत्र ने सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से सरकार को यहां तक पेशकश कर दी कि अगर उन्हें ऐसी संपत्तियों का पता लगता है तो इनका कब्जा अपने हाथ में ले सकती है।
ये भी देखें:भ्रष्ट IAS पर योगी की नजरें टेढ़ी, शिकंजा कसने को जल्द बनेगी कमेटी
सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उनका दावा है कि इन संपत्तियों का ताल्लुक कार्ति से है तथा उनसे पूछताछ के दौरान इन संपत्तियों से उनके संबंधों का खुलासा हुआ है। दूसरी ओर कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को कहा कि मैं, मेरे पिता, मां व पत्नी आयकर देती हैं। उनके मुताबिक यदि कोई भी सरकारी एजेंसी यह साबित कर दे, तो हम ऐसी संपत्तियों का मालिकाना हक सरकार के पक्ष में कर देंगे।
इस हाई प्रोफाईल केस पर सुप्रीम कोर्ट 18 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगा।
ज्ञात रहे कि सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में कार्ति चिदंबरम को आरोपी बनाकर उनसे पिछले दिनों पूछताछ के लिए दिल्ली में अपने मुख्यालय में बुलाया था। उन पर आरोप लगाया गया था कि उनके पिता पी चिदंबरम के केंद्रीय वित्त मंत्री रहते उन्होंने विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड यानी एफआईपीबी के जरिए मॉरीशस रूट के जरिए आइनेक्स मीडिया को लाभ पहुंचाया।