कठुआ रेप-मर्डर केस: 3 दोषियों को उम्रकैद, 3 पुलिसवालों को 5 साल की सजा

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की मासूम के साथ बलात्कार करने  के बाद उसकी हत्या के मामले में पठानकोट की विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए 6 दोषियों में से 3 को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोषी पुलिस वालों को 5-5 साल की सजा सुनाई है।

Update:2019-06-10 09:49 IST

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की मासूम के साथ बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या के मामले में पठानकोट की विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए 6 दोषियों में से 3 को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोषी पुलिस वालों को 5-5 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा सातवें आरोपी विशाल को बरी कर दिया गया है। इन सभी आरोपियों की सजा का ऐलान भी आज दोपहर दो बजे किया जाएगा।

कोर्ट ने सांजी राम (मुख्य आरोपी), प्रवेश कुमार, दीपक खजुरिया को उम्रकैद की सजा सुनाया है, तो वहीं अस्टिटेंट सब इंस्पेक्टर तिलक राज, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता और पुलिस ऑफिसर सुरेंद्र कुमार को 5 साल की सजा सुनाई है।

इस मामले में कोर्ट ने सांजी राम का बेटे विशाल को बरी कर दिया है। कठुआ मामला जब सामने आया था तो देश ही नहीं दुनिया में इसने सुर्खियां बटोरी थीं। आम आदमी से लेकर बॉलीवुड के सेलेब्रिटी भी इंसाफ की गुहार लगा रहे थे।

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हर दिन के आधार पर हुई सुनवाई

मामले में हर दिन के आधार पर पठानकोट की जिला अदालत में सुनवाई 2018 जून में शुरू हुई थी। घाटी में मामला गर्मा जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केस को जम्मू कश्मीर से बाहर भेजने का आदेश दिया था जिसके बाद पठानकोट कोर्ट के पास मामला स्‍थानांतरित किया गया था। गौरतलब है कि कठुआ के वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को मामले में आरोप पत्र दाखिल करने से रोका था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था।

आठ में से सात पर दुष्कर्म और हत्या के आरोप तय

पठानकोट अदालत ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ हत्या और दुष्कर्म के आरोप तय किए हैं।. वहीं एक किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है। फिलहाल उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय सुनवाई करेगा। बताया जा रहा है ‌कि यदि सात अरोपियों को दोषी करार दिया जाता है तो उन्हें कम से कम उम्रकैद और अधिकतम मौत की सजा सुनाई जा सकती है।

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क्या था मामला

कठुआ में अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय की आठ साल की मासूम को घोड़ों को चराते समय कथित रूप से अगवा करने के बाद एक मंदिर में बंधक बनाकर सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। कठुआ के गांव के इस मंदिर के संरक्षक और दो पुलिसकर्मियों समेत आठ लोगों को इस अपराध में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार किया गया था।

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