नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन में आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत की कई राज्य सरकारों ने बड़ा फैसला लिया है। महाराष्ट्र और तेलंगाना के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों की 100 फीसदी सैलरी कटेगी। वहीं राजस्थान में भी सीएम से लेकर मंत्रियों, अधिकारियों और कर्मचारियों के मार्च माह के वेतन (Salary) का बड़ा हिस्सा रोकने का फैसला किया गया है।
इन राज्यों में सैलरी कटौती
महाराष्ट्र, तेलंगाना के बाढ़ राजस्थान और आंध्र की सरकारों ने सीएम से लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारियों के वेतन काटने के आदेश जारी हुए हैं। हालंकि इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन मिलता रहेगा।
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आंध्र में 100 फीसदी वेतन कटौती
आंध्र प्रदेश में फैसला लिया गया कि मुख्यमंत्री समेत सभी मन्त्रियों, विधायकों की 100 फीसदी तक सैलरी में कटौती है। ये फैसला कोरोना प्रभावित लोगों, क़रीबों और मजदूरों की आर्थिक मदद के लिए किया गया।
राजस्थान में रोका गई सैलेरी
वहीं राजस्थन में कोरोना के संकट पर मंगलवार को पहली बार हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सीएम से लेकर मंत्रियों, अधिकारियों और कर्मचारियों के मार्च माह के वेतन का बड़ा हिस्सा रोकने का फैसला किया गया है। बैठक में बताया गया कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश को 17 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है. इसके कारण मार्च माह का वेतन रोकने का फैसला किया गया है।
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इसके अलावा सभी आईएएस, पीसीएस, आईएफएस अधिकारियों का भी मार्च माह का 60 प्रतिशत वेतन रोकने का फैसला किया गया है, जबकि राज्य सेवाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों का 50 फीसदी वेतन रोका जाएगा। हालाँकि स्वास्थ्य सेवाओं के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ सहित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को पूरा वेतन मिलेगा।
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महाराष्ट्र में वेतन कटौती पर उद्धव सरकार का फैसला
उद्धव सरकार के फैसले के मुताबिक, मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों की तन्ख्वाह में 60 फीसदी तक की कटौती होगी। ए और बी श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में 50 फीसदी, सी श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में 25 फीसदी की कटौती की जाएगी। हालांकि, सरकार ने इस फैसले से डी क्लास के कर्मचारियों को अलग रखा है और उन्हें पूरी तन्ख्वाह मिलेगी।
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तेलंगाना ने भी लिया ये बड़ा फैसला
महाराष्ट्र से इतर तेलंगाना में भी कोरोना वायरस के महासंकट को देखते हुए सैलरी में कटौती करने का फैसला किया गया। यहां मंत्रिमंडल, विधायक, एमएलसी, निगम अध्यक्ष समेत अन्य सभी पदों पर 75 फीसदी तक सैलरी कटौती का प्रस्ताव पास किया गया है।