सरकार के खिलाफ हल्लाबोल: राष्ट्रव्यापी आंदोलन कल, इन मुद्दों पर घेरेगी भाकपा

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों (एमएसएमई) को बचाने तथा उनको अपग्रेड करने के केंद्र व यूपी सरकार के दावों को खोखला बताया है।

Update: 2020-09-13 13:53 GMT
कल राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगी भाकपा, इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी

लखनऊ: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों (एमएसएमई) को बचाने तथा उनको अपग्रेड करने के केंद्र व यूपी सरकार के दावों को खोखला बताया है। पार्टी के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने कहा कि अगर सरकारें सचमुच इन इकाइयों को प्रमोट करना चाहती हैं तो उन्हें सीधे आर्थिक मदद के लिये पैकेज की घोषणा करनी होगी।

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14 सितंबर को पूरे देश में आंदोलन

इन इकाइयों की आर्थिक मदद की जिम्मेदारी बैंकों पर डाल देने से न तो बेरोजगारों को काम मिलेगा, न ही 23.9 प्रतिशत तक गिर चुकी जीडीपी ऊपर आयेगी और न भारत आत्मनिर्भर बन सकेगा। डा. गिरीश ने बताया कि अर्थव्यवस्था, रोजगार, किसान, कामगार और नौजवानों के ज्वलंत सवालों पर पार्टी सोमवार 14 सितंबर को पूरे देश में आंदोलन करेगी।

डॉ. गिरीश ने रविवार को कहा कि मौजूदा व्यवस्था में राज्य और जिले का उद्योग विभाग एमएसएमई के निर्माण या अपग्रेडेशन के लिये अभ्यर्थियों से प्रस्ताव लेकर कर्ज के लिये क्षेत्र के बैंकों के पास भेज देते हैं। लेकिन बैंक सरकारी योजनाओं में दिये कर्जों के फंसने से फूंक-फूंक कर कदम उठा रही हैं और कर्ज देने से हिचकिचा रही हैं। ऐसे में बैंक इन प्रस्तावों को रद्दी की टोकरी में डाल देता हैं। इसलिए अगर सरकार लघु उद्यमियों की मदद करना चाहती है तो उनकी इकाइयों को सीधे धनराशि उपलब्ध कराये।

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उन्होंने दशकों से मशरूम और फूड प्रोसेसिंग का काम कर रहे सहारनपुर के शिक्षित दलित चंद्रपाल का उदाहरण देते हुए कहा कि चंद्रपाल को उनके काम के लिए कई पुरुस्कार मिल चुके है और कई बार वह बैंकों से छोटे कर्ज लेकर समय से चुका भी चुके है। चंद्रपाल ने भी अपनी इकाई “पोराला फूड्स प्रोसेसिंग केन्द्र” को अपग्रेड करने के लिये खाद्य एवं प्रसंस्करण विभाग, सहारनपुर को नियमानुसार प्रस्ताव दिया। विभाग ने प्रस्ताव मंजूर कर सेंट्रल बैंक आफ इंडिया शाखा को भेज दिया। लेकिन बैंक मैनेजर ने यह कह कर कि सरकार ने प्रस्ताव भेजा है तो पैसे भी सरकार से ले लो, प्रस्ताव खारिज कर दिया।

यूपी में बड़ी संख्या में भटक रहे उद्यमी

भाकपा नेता ने कहा कि सरकार की मौजूदा नीति के चलते यूपी में बड़ी संख्या में लघु-मध्यम उद्यम लगाने या उन्हें अपग्रेड करने इच्छा रखने वाले उद्यमी भटक रहे है। चंद्रपाल ही नहीं यूपी के तमाम होनहार युवा और लघु उद्यमी इसी तरह सरकार की झांसेबाजी का शिकार हो रहे हैं और सरकारी विभागों और बैंकों की चैखट पर एड़ियां रगड़ रहे हैं। सरकार नित नई हवाई घोषणायें और खोखले जुमले गढ़ती चली जा रही है लेकिन कोरोना और लाकडाउन से तबाह हुयी अर्थव्यवस्था के सुधार के लिये कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार अगर संजीदा है तो खुद बैंकों से लोन ले और अपने स्तर से लघु उद्यमियों को आर्थिक सहायता प्रदान करे। वरना बेरोजगारी को दूर करने, ध्वस्त अर्थव्यवस्था को सुधारने और आत्मनिर्भर भारत बनाने के उसके दावे धरे के धरे रह जायेंगे।

मनीष श्रीवास्तव

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