पाकितान की थू-थू: भारत ने ऐसे बिगड़ा हाल, तिलमिला उठे इमरान

गिलगित-बाल्टिस्तान की बात करें तो यह भी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का ही हिस्सा है, लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से पाकिस्तान ने इसे स्वायत्तशासी क्षेत्र घोषित कर रखा है, जिस पर नवंबर 1947 से पाकिस्तान का कब्जा है।

Update:2020-05-15 18:28 IST

नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों पहले भारतीय मौसम विभाग ने भारत के पब्लिक ब्रॉडकास्टर डीडी न्यूज और ऑल इंडिया रेडियो ने जिस दिन से मौसम के बारे समाचारों में गिलगित, मुजफ्फराबाद और मीरपुर का न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान बताया है उस दिन से पाकिस्तान का ‘मौसम’ बदल गया। पाकिस्तान में तूफान आ गया और इसके कुछ झटके चीन में भी महसूस किए गए।

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जानकारी देते हुए बता दें कि पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद है और मीरपुर इसी गुलाम कश्मीर का सबसे बड़ा शहर है।

फिर जहां तक गिलगित-बाल्टिस्तान की बात है, यह भी यूं तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का ही हिस्सा है, लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से पाकिस्तान ने इसे स्वायत्तशासी क्षेत्र घोषित कर रखा है, जिस पर नवंबर 1947 से पाकिस्तान का कब्जा है।

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ढुल-मुल नीति अपनाता रहा है

बीते कई सालों से इस इलाकों पर पाकिस्तान का कब्जा है, लेकिन ये तीनों क्षेत्र असल में भारत का ही हिस्सा हैं। लेकिन बीते सात दशकों में भारत अपने ही इन इलाकों को लेकर कैसी ढुल-मुल नीति अपनाता रहा है, यह किसी से छुपा नहीं है।

अब ऐसे में केंद्र सरकार कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर कितनी आक्रामक है, यह पूरी दुनिया देख रही है। पाकिस्तान भारत के गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना क्षेत्र बता कर इस परियोजना का विरोध कर चुका है।

वहीं चीन समझ रहा है कि भारत का यह विरोध, यह दावा उसकी परियोजना के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, इसलिए पाकिस्तान गिलगित- बाल्टिस्तान को अपना प्रांत घोषित करके उसकी वैधानिक स्थिति बदलना चाहता है।

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पाकिस्तान इसे फौरन खाली कर दे

इसी सिलसिले पर गिलगित-बाल्टिस्तान के प्रमुख बुद्धिजीवी विचारक सेंगे सेरंग ने कहा : भारतीय विदेश मंत्रलय ने स्पष्ट कह दिया है कि पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अलावा गिलगित-बाल्टिस्तान भी भारत का अभिन्न हिस्सा है, इसलिए पाकिस्तान इसे फौरन खाली कर दे।

लेकिन भारत के विरोध पर पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को तलब किया और भारत के विरोध को आधारहीन बता कर खारिज कर दिया, लेकिन मोदी सरकार इस मुद्दे पर मोर्चा छोड़ने को कतई तैयार नहीं है और भारत ने नए सिरे से नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।

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भारत में वापसी होगी

इन स्थितियों में अमेरिका में बसे गिलगित-बाल्टिस्तान के प्रमुख बुद्धिजीवी विचारक सेंगे सेरंग ने जो कहा है उस पर भी देर-सबेर मोदी सरकार जरूर काम करना चाहती है।

आगे सेरंग ने कहा है कि तिरंगे की छांव में कश्मीर भारत के साथ खुश है और जल्द ही गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की भारत में वापसी होगी।

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