पाकिस्तान का बुरा असर राजस्थान पर, तबाह हो गए किसान
55 हजार किसान इस हमले से प्रभावित हुए हैं, जिन्हें अब राज्य सरकार ने 86.21 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। इसके लिए कुल 90.20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, एक टिड्डी अपने वजन के बराबर वनस्पति हर रोज चट कर जाती है।
नई दिल्ली: फसल के रूप में किसान की कड़ी मेहनत दिखाई देती है। जब वह अपनी लहलहाती फसल को काटता है तो किसान अपनी मेहनत को देखकर खुश होता है। लेकिन इसके पहले पाकिस्तानी टिड्डियों के हमले से राजस्थान के किसानों का इस साल करीब 1.5 लाख हैक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है।
टिड्डियों का छोटा दल एक दिन में 35,000 लोगों के बराबर खाना खा जाता है
बता दें कि 55 हजार किसान इस हमले से प्रभावित हुए हैं, जिन्हें अब राज्य सरकार ने 86.21 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। इसके लिए कुल 90.20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, एक टिड्डी अपने वजन के बराबर वनस्पति हर रोज चट कर जाती है। टिड्डियों का छोटा दल भी एक दिन में 35,000 लोगों के बराबर खाना खा जाता है।
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पाकिस्तान अपने यहां पैदा होने वाली टिड्डियों पर काबू नहीं कर सका है, जिसका नुकसान वजह से भारत के किसानों को बड़ी समस्या से जूझना पड़ रहा है। गुजरात के भुज, बनासकांठा, साबरकांठा, मेहसाणा, कच्छ और राजस्थान के जैसलमेर, बाडमेर, जालौर, बीकानेर, जोधपुर इससे किसान तबाह हो चुका है।
गुजरात में कितना नुकसान
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि 2019-20 के दौरान टिड्डियों के हमले से गुजरात में फसल को नुकसान पहुंचा है। यहां लगभग 18,727 हैक्टेयर फसल खराब हुई है। जिसमें से 13,881 हैक्टेयर क्षेत्र में फसल 33 प्रतिशत और उससे अधिक खराब हो चुकी है।
राजस्थान में कितना नुकसान
राजस्थान सरकार ने केंद्र को बताया है कि 2019-20 के दौरान टिड्डियों के आक्रमण से 1,49,821 हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित है। जिसमें से 1,34,959 हैक्टेयर क्षेत्र में फसलों को 33 प्रतिशत और उससे अधिक का नुकसान हुआ है। पंजाब और हरियाणा में भी टिड्डियों को देखा गया था, लेकिन इससे फसल को खास नुकसान की सूचना नहीं है।किसानों को कैसे मिल रहा मुआवजा
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गुजरात के जिन स्थानों पर फसलों को 33 प्रतिशत और उससे अधिक का नुकसान हुआ है वहां राहत दी जा रही है। प्रभावित किसानों को आपदा कोष से अधिकतम 2 हैक्टेयर तक, 13,500 रुपये प्रति हैक्टेयर की दर से तथा राज्य बजट से 5000 रुपये प्रति हैक्टेयर की दर से सहायता प्रदान की जा रही है। 11,230 किसानों के लिए 32।76 करोड़ का राहत पैकेज है।