कोरोना वारियर के साथ ठगी, साइबर क्रिमिनल ने उड़ाए अकाउंट से लाखों रूप

इन साइबर क्रिमिनल्स ने डॉक्टर के बैंक अकाउंट से 14 लाख रूपए की रकम को निकल लिया। फिलहाल डॉक्टर ने इसकी FIR दर्ज करा दी है।

Update:2020-04-27 13:04 IST

नई दिल्ली: पूरा देश इस समय कोरोना वायरस से जूझ रहा है। ऐसे में अगर कोई सबसे ज्यादा मेहनत कर रहा है तो वो हैं डॉक्टर्स जिन्हें कोरोना वारियर्स का नाम दिया गया है। ये कोरोना वारियर्स दिन रात मरीजों की सेवा कर रहे हैं जिससे इन मरीजों को इस जानलेवा बीमारी से बचाया जा सके। लेकीन ऐसी ही दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में कार्यरत एक कोरोना वारियर डॉ. रिचा नारंग को ठगों ने ठग लिया। लेकिन डॉ. रिचा नारंग के साथ ये ठगी जामताड़ा के साइबर ठगों ने की है। इन साइबर क्रिमिनल्स ने डॉक्टर के बैंक अकाउंट से 14 लाख रूपए की रकम को निकल लिया। फिलहाल डॉक्टर ने इसकी FIR दर्ज करा दी है। लेकिन डॉक्टर का कहना है कि दिल्ली पुलिस सही से मामले में कार्यवाही नहीं कर रही है।

ऐसे हुई ऑनलाइन ठगी

एफआईआर दर्ज कराने के बाद डॉक्टर ने दिल्ली पुलिस पर सही से कार्यवाही न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से कार्यवाही के नाम पर उनसे कहा जा रहा है कि डॉक्टर साहेब सब्र कीजिये। पुलिस का कहना है कि हम जामताड़ा नहीं जा सकते। वहां की पुलिस उनसे मिली हुई है। फिलहाल पुलिस ने कुछ बैन अकाउंट सील किए हैं। घटना की जानकारी देते हुए डॉ. रिचा ने बताया कि उन्हें एक कंपनी का लोन चुकाना था। जिसके लिए उन्होंने इतनी बड़ी रकम अपने खाते में डाली थी। उन्होंने बताया लेकिन लॉकडाउन की वजह से ऐसा नहीं कर पा रहीं थी।

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वहीं कंपनी की और से भी कोई रेस्पोंस नहीं मिल रहा था। डॉक्टर ने बताया कि एक दिन उन्होंने उस कंपनी के फेसबुक पेज पर शिकायत दर्ज कराई। उस पेज पर किसी ने मेरा मोबाइल नंबर मांगा। डॉ रिचा ने बाताया कि उस आदमी ने बताया कि वो कंपनी का धिकारी है। उससे बात के दौरान उसने मुझसे ऑनलाइन बैंक ट्रांजेक्शन करने को कहा। उस आदमी की ओर से मुझे लगातार निर्देश मिल रहे थे जिनका मैं पालन कर रही थी। इसी दौरान उसने मेरे अकाउंट से पैसे निकालने शुरू कर दिए। डॉ रिचा ने बताया कि 53 ट्रांजेक्शन से उसने मेरे अकाउंट से 13 लाख, 95 हज़ार और 816 रुपये निकाल लिए।

पुलिस अपना रही ढिलमुल रवैया

डॉ. रिचा ने बताया कि मेरे अकाउंट से पैसा 23 अप्रैल को निकलना शुरू हो गया था। 24 तारीख को भी कुछ रुपये गए थे। लेकिन मेरे पास कोई मैसेज नहीं आ रहा था। जिसके बाद 24 की दोपहर को मैं पुलिस स्टेशन गई। डॉ ने बताया कि मैं बैंक गई तो वहाँ उन्होंने मुझसे एफआईआर की कॉपी मांगी। जिसके बाद कई घंटे तक चक्कर लगवाने के बाद रात के वक्त मेरी एफआईआर दर्ज की गई। डॉ ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि अब मुझसे कहा जा रहा है कि हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।

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जामताड़ा भी नहीं जा सकते। वहां की पुलिस उनसे मिली हुई है. अब जो होना था वो तो हो गया। डॉ पुलिस के इस रवैये से खासी नाराज नजर आ रहीं हैं। फिलहाल पुलिस का ये रवैया बहुत ही गलत है। दूसरी तरफ आप देख सकते हैं कि ये साइबर क्रिमिनल्स कितने चालाक होते हैं। ऐसे में आप भी इनसे सतर्क रहें और ऐसे किसी को भी अपने बैंक का अकाउंट नंबर न बताएं।

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