Fengal Cyclone: तमिलनाडु में कहर बरपाएगा चक्रवात ‘फेंगल’, जानें क्या है इस अर्थ और किसने किया नामकरण

Fengal Cyclone: चक्रवात के चलते तमिलनाडु समेत कई जनपदों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इस चक्रवात का असर तमिलनाडु के साथ ही आंध्र प्रदेष, पुडुचेरी और केरल में भी दिखेगा।

Update:2024-11-27 18:11 IST

चक्रवात ‘फेंगल’ का अर्थ और किसने किया नामकरण (न्यूजट्रैक)

Cyclone Fengal: बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात ‘फेंगल’ अगले दो दिनों में तमिलनाडु तक पहुंच जाएगा। इस चक्रवात के चलते चेन्नई, चेंगलपेट, कांचीपुरम, कुड्डालोर, तिरुवल्लुर और नागापट्टिनम में भारी बारिश शुरू हो गयी है। चक्रवात ‘फेंगल’ के तमिलनाडु पहुंचते ही 75-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। चक्रवात के चलते तमिलनाडु समेत कई जनपदों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

इस चक्रवात का असर तमिलनाडु के साथ ही आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और केरल में भी दिखेगा। ‘फेंगल’ चक्रवात के चलते विमान देरी से चल रहे हैं। साथ ही चक्रवात प्रभावित छह जनपदों में स्कूल और कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। ‘फेंगल’ की सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस चक्रवात का सऊदी अरब से कनेक्शन है। चक्रवात ‘फेंगल’ के नाम का अर्थ भी बेहद खास है। आइए जानते हैं क्या है चक्रवात ‘फेंगल’ शद का मतलब।

क्या है फेंगल शब्द का अर्थ?

बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात का नामकरण सऊदी अरब ने किया है। फेंगल अरबी भाषा का शब्द है। फेंगल शब्द संस्कृति की विविधता को दर्शाता है। इसका अर्थ है सांस्कृतिक पहचान। सऊदी अरब की तरफ से इस चक्रवात के इस नामकरण के पीछे यह उद्देश्य था कि वह अपनी विरासत और भाषा को दर्शा सके।

कहां-कहां कहर बरपाएगा फेंगल?

मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात फेंगल 28 और 29 नवंबर तक तटीय इलाको तक पहुंच जाएगा। जिसके चलते तेज बारिश होगी। फेंगल के चलते ही बुधवार को तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी बारिश हो रही है। साथ ही इस चक्रवात का असर आंध्र प्रदेश और केरल में नजर आएगा। यहां भी तेज हवा के साथ बारिश होने की आशंका है।

कैसे होता है चक्रवातों का नामकरण

साल 1953 से वर्ल्ड मेटीरियोलॉजिकल ऑर्गनाइज़ेशन तूफानों और चक्रवातों का नामकरण करता है। इसके सदस्य देशों में भारत, बांग्लादेश, मालदीव, ईरान, श्रीलंका, म्यांमार, पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान, सऊदी अरब, थाईलैंड और यमन शामिल हैं। हर सदस्य देश तूफानों के लिए संभावित नामों की एक सूची देता है। जिसका इस्तेमाल क्षेत्र में चक्रवात आने पर किया जाता है। यह प्रक्रिया 2004 से लागू है।

चक्रवातों के नामकरण के समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि कोई भी नाम विवादास्पद न हो। साथ ही नाम से किसी की भी भावनाओं को ठेस न पहुंचे। तूफान आने से पूर्व ही उसका नाम तय कर दिया जाता है। बीते दिनों ओडिशा में आए तूफान का नाम ‘दाना’ रखा गया था। जिसका शाब्दिक अर्थ था उदारता। तूफान ‘दाना’ को यह नाम कतर ने दिया था। यह भी अरबी भाषा का ही शब्द था।

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