प्यार व जुनून ने बनाया साधना पटेल को दस्यु सुंदरी, आज है पुलिस की गिरफ्त में
यूपी-एमपी की सीमा में आतंक का नाम बन चुकी पाठा के बीहड़ में बनी डकैत साधना पटेल को एमपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसके ऊपर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। वह इधर एक साल से दिल्ली आदि शहरो में शरण ले रखी थी।
जयपुर :यूपी-एमपी की सीमा में आतंक का नाम बन चुकी पाठा के बीहड़ में बनी डकैत साधना पटेल को एमपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसके ऊपर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। वह इधर एक साल से दिल्ली आदि शहरो में शरण ले रखी थी। गैंग के ज्यादातर हार्डकोर इनामी सदस्य पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
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कौन हैं साधना पटेल
यूपी के चित्रकूट जिले में पाठा के बीहड़ों में भरतकूप चौकी क्षेत्र के रामपुर पालदेव गांव के बगहिया भड़हा पुरवा की रहने वाली साधना पटेल उर्फ बेलनी कम समय में ही दस्यु सुंदरी बन बैठी। डकैतों से संबंध इसको विरासत में मिले है। साधना पटेल को डकैतों का संग बचपन से ही मिला है। गांव के बाहर बसे पुरवा में मां और दो छोटे भाइयों के साथ बचपन गुजारने वाली साधना के घर डकैतों का आना-जाना था। बड़े होते ही कुछ समय में ही साधना पटेल यूपी-एमपी के बार्डर वाले गांवों में दहशत का पर्याय बन गई। मप्र पुलिस ने तो उसे दस हजार की इनामी बना दिया और अब तीस हजार का इनाम घोषित करने की स्वीकृति पुलिस विभाग ने शासन से मांगी है।
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ऐसे बनी डकैत
साधना के पिता होरीलाल पटेल थे उनकी तीन संतानों में साधना सबसे बड़ी है, जबकि दोनों भाई छोटे हैं। हमेशा उसके पिता पर डकैतों से संबंध के आरोप लगते रहे। पिता की मौत के बाद साधना का कहीं भी आना जाना रहा। कई बार डकैतों के संपर्क में आने से व दबंग हो गई। गांव वालों से लड़ना झगड़ना और कई-कई दिन घर से गायब रहना उसकी दिनचर्या बन गई।
इसी तरह की गतिविधि में साधना का संबंध डकैत नवल धोबी से हुआ और बंदूक उठा ली। बाद में नवल धोबी गिरफ्तार हो गया तो दीपक शिवहरे गैंग लीडर बन गया और साधना उसकी प्रेमिका। साधना सुर्खियों में तब आई जब पिछले दिनों अपहरण कांड में उसका नाम आया। इसके बाद एमपी पुलिस ने साधना पटेल पर 21 अगस्त को एमपी के नया गांव थाने में अपहरण का मामला दर्ज कर उस पर दस हजार का इनाम घोषित कर दिया। पुलिस का मानना है कि गैंग मुखिया साधना पटेल के साथ कुछ और भी युवतियां शामिल हैं।
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दो शादियां कीं
डाकू साधना पटेल की परिवार वालों ने साधना की शादी 17 साल की उम्र में भरतकूप क्षेत्र के एक गांव में की थी। छह माह बाद उसने पति को छोड़ दिया। इसके एक साल बाद अपनी पसंद के लड़के से शादी कर रहने लगी, पर एक साल बाद उसे भी छोड़ दिया और बंदूक उठाकर जंगल में उतर गई।
इस तरह मचाया कोहराम
साधना गैंग ने अगस्त 2018 में भरतकूप के मुकुंदपुर गांव में बाइक सवार दुकानदारों को रोककर पीटा था। सितंबर में भगनपुर गांव के बाहर कुछ राहगीरों को पीटकर नगदी लूटी। मानपुर के पास दो बाइक सवार को रोककर पीटा था। अक्टूबर में ठर्री गांव के एक युवक को अगवा कर नगदी ली थी। इसी माह में रजौला गांव के पास राहगीरों को पीट लूटपाट की थी।