खतरनाक 'ग्लूमी संडे' गाना: सुनने वाले पर ऐसा असर, कर लेता है आत्महत्या

'ग्लूमी संडे' के नाम के गाने पर बीबीसी ने 62 वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया था। वर्ष 2003 में इस पर से प्रतिबंध हटा दिया गया था। इसके बाद लोगों ने इससे मिलते जुलते ऐसे ही गीत बनाए लेकिन जिन्होंने इस गीत को गाया, वे अमर हो गए।

Update: 2020-11-21 14:40 GMT
खतरनाक 'ग्लूमी संडे' गाना: सुनने वाले पर ऐसा असर, कर लेता है आत्महत्या

लखनऊ: आत्महत्या एक ऐसा कार्य है जिसमें इंसान खुद मौत को गले लगता है। आत्महत्या का फैसला सेकेंडों में होता है। वास्तव में आत्महत्या की भावना एक विशेष मानसिक स्थिति में क्षणिक आवेश से घटित होती है। यदि वह पल हम पार कर जाते हैं तो यह संकट दूर हो जाता है। आत्महत्या करने वाला अपनी जिंदगी से निराश होकर यह काम कर जाता है। एक ऐसा गाना जो हंगरी के एक संगीतकार रेजसो सेरेज ने 'ग्लूमी संडे' नाम का गाना बनाया था। इस गाने पर लोगों का इतना असर हुआ कि इसे सुनने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने आत्महत्या कर ली थी।

आत्महत्या हानि दिवस 21 नवंबर को होता है

आत्महत्या हानि दिवस एक ऐसा दिन है जिसमें आत्महत्या के नुकसान से बचे लोग अपने अनुभव साझा करने के माध्यम से समझ और आशा को जगाने के लिए एक साथ आते हैं। इस साल आत्महत्या हानि दिवस शनिवार, 21 नवंबर, 2020 है। 2020 इस मामले में बहुत ही निराशाजनक रहा है तमाम फिल्मी हस्तियों और कोरोना के भय से तमाम लोगों ने जानें दी हैं।

बीबीसी ने लगा दिया प्रतिबंध

बता दें कि 'ग्लूमी संडे' के नाम के गाने पर बीबीसी ने 62 वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया था। वर्ष 2003 में इस पर से प्रतिबंध हटा दिया गया था। इसके बाद लोगों ने इससे मिलते जुलते ऐसे ही गीत बनाए लेकिन जिन्होंने इस गीत को गाया, वे अमर हो गए।

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सुनने के बाद लोग आत्महत्या कर लेते थे

अक्सर जब लोगों का मन उदास होता है तो वे अक्सर ऐसे भावुक गानों को सुनना पसंद करते हैं जिसमें एक प्रेमी या प्रेमिका दूसरे के लिए अपनी भावनाएं क्या, अपनी जान तक देने की बात करते हैं। ऐसे बहुत से गाने हैं लेकिन एक गाना ऐसा भी है जिसे सुनने के बाद लोग आत्महत्या कर लेते थे इस कारण से के बजाए जाने पर रोक लगा दी गई थी।

दुनिया का सबसे दर्द भरा गाना

वर्ष 1933 में हंगरी के एक संगीतकार सेरेस ने 'सैड संडे' या 'ग्लूमी संडे' नामक एक गाना बनाया था। प्यार से जुड़ा ये दुनिया का सबसे दर्द भरा गाना माना जाता है। इस गाने में इतना दर्द था कि जो इस गीत को एक बार सुनता उसे अपने दर्द याद आ जाते थे। जब कई लोगों ने गाने को सुनने के बाद आत्महत्या तक कर ली तब इस गाने को इतना मनहूस माना जाने लगा कि इसे 62 साल के लिए बैन कर दिया गया।

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गाने में प्रेमकहानी का दर्द

इस गाने में प्रेमकहानी का दर्द बयां किया गया है जिसे सुनकर लोग आत्महत्या करने लगे। इस सिलसिले को रोकने के लिए एक जादूगर ने फिर से गाने को कंपोज किया, लेकिन आत्महत्या करने का सिलसिला जारी रहा। साल 1941 में गाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया जिसके बाद 2003 में इस गाने से बैन हटा लिया गया। आप भी इस गाने के सुनकर जान सकते हैं कि लोग इसे मनहूस क्यों कहते हैं?

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