शव बना कंकाल: स्ट्रेचर पर पड़े-पड़े हुई ऐसी हालत, बदबू में गुजरते रहे लोग

मध्य प्रदेश के एक सरकारी अस्पताल से लापरवाही और अमानवीयता का मामला सामने आया है। यहां एक शख्स की मौत के बाद शव अंतिम संस्कार के इंतज़ार में सड़ गया, लेकिन किसी को होश नहीं आया।

Update: 2020-09-15 14:05 GMT

भोपाल: मध्य प्रदेश के एक सरकारी अस्पताल से लापरवाही और अमानवीयता का मामला सामने आया है। यहां एक शख्स की मौत के बाद शव अंतिम संस्कार के इंतज़ार में सड़ गया, लेकिन किसी को होश नहीं आया। कंकाल बन गए शव की बदबू जब पूरे अस्पताल तक पहुंची तो अस्पताल प्रशासन की नींद टूटी और आनन फानन में शव को हटाया गया। मामले में अस्पताल प्रशासन ने जांच करवाने की बात कही है।

मध्य प्रदेश के महाराज यशवंत राव अस्पताल में बड़ी लापरवाही

दरअसल, मामला मध्य प्रदेश के महाराज यशवंत राव अस्पताल का है। यह राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। यहां लापरवाही का बेहद शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। अस्पताल की मॉर्चरी रूम में रखी यह शव 10 दिनों तक स्ट्रेचर पर पड़ा रहा। शव सड़ कर कंकाल बन गया लेकिन अस्पताल के स्टाफ को खबर तक नहीं हुई।

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10 दिनों तक स्ट्रेचर पर सड़ती रही लाश

ये तो पता नहीं चला की शव किसका था और कब लाया गया लेकिन 10 दिनों तक एक शख्स की लाश स्ट्रेचर पर ही पड़ी रहे और किसी को होश न हो, इसे लापरवाही का चरम कहा जा सकता है। शव की बदबू पूरे मॉर्चरी में फ़ैल गयी लेकिन फिर भी अस्पताल प्रशासन की नींद नहीं टूटी। हालाँकि बाद में जब इस बारे में जानकारी हुई तो उसका आनन फानन में अंतिम संकर करवाया गया।

शव बन गया कंकाल, बदबू फैली

इस बारे में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर ने बताया कि शव दस दिन पुराना है। पुलिस को अगर कोई अज्ञात शव मिलता है तो उसे MYH में पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाता है। अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव की पहचान के लिए 7 दिनों तक मॉर्चरी में रखा जाता है। वहीं अगर बॉडी को लेने वाला कोई नहीं होता तो अस्पताल की ओर से पोस्टमार्टम के बाद शव को नगर निगम या एनजीओ की मदद से अंतिम संस्कार करवा दिया जाता है।

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अस्पताल में बॉडी रखने के लिए सिर्फ 16 फ्रीजर

हालाँकि उन्होने ये भी स्पष्ट किया कि अस्पताल में सिर्फ 16 फ्रीजर हैं, जहां बॉडी को रखा जा सकता है। वहीं जानकारी के मुताबिक, उस बॉडी का पोस्टमार्टम तक नहीं हुआ था। उसे जिस तरह से स्ट्रेचर पर लाया गया था, उसी तरह से वह 10 दिनों तक पड़ी रही।

अब इस मामले की जांच शुरू हुई है। केजुअल्टी इंचार्ज को नोटिस जारी किया जा रहा, ताकि पता चल सके कि बॉडी के अंतिम संस्कार को लेकर निगम को कॉल किया गया था या नहीं। इस बात की भी जांच होगी कि मामले में किसकी लापरवाही है।

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