Delhi Election 2025 : रात 11 बजे कैसे हो जाती है वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी, मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया इसका कारण
Delhi Elections 2025: मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिल्ली में मतदाता सूची को लेकर चल रहे आरोप प्रत्यारोप से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने को लेकर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं,वे पूरी तरह बेबुनियाद हैं।;
Delhi Elections 2025: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होगी जबकि 8 फरवरी को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने उन सवालों का भी जवाब दिया जो विपक्षी दलों की ओर से हमेशा उठाए जाते रहे हैं।
विपक्षी दलों की ओर से रात 11 बजे वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी को लेकर पहले भी सवाल उठाया गया है। आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इस बाबत पूछे जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह स्पष्ट किया कि रात 11 बजे वोटिंग प्रतिशत में क्यों बढ़ोतरी हो जाती है। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव और ईवीएम को लेकर जताई गई तमाम आशंकाओं को भी खारिज कर दिया।
आखिर क्यों हो जाती है वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि वोटिंग के दिन आखिरी समय तक लाइन में लगने वालों को वोट देने का मौका दिया जाता है। यही कारण है कि शाम को छह बजे निर्धारित समय बीतने के बाद भी कई इलाकों में वोटिंग चलती रहती है। वोटिंग खत्म होने के बाद ईवीएम को स्ट्रान्ग रूम तक पहुंचाने का काम शुरू हो जाता है। इस दौरान कई और तरह के काम करने होते हैं और ईवीएम की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होती है।
ऐसे में पहले वोटिंग परसेंट का फाइनल आंकड़ा दिया जाए या इन जरूरी कामों को पूरा किया जाए। सारे जरूरी काम निपटाने के बाद वोटिंग परसेंट का आंकड़ा जारी किया जाता है जो कि शाम के छह बजे के वोटिंग के आंकड़े से स्वाभाविक तौर पर ज्यादा होता है। अब वोटिंग परसेंट के इन आंकड़ों को लेकर सवाल खड़े किए जाते हैं जिनका कोई आधार नहीं है।
ईवीएम को लेकर आशंकाओं को किया खारिज
इसके साथ ही विपक्षी दलों की ओर से ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर हमेशा आशंका जताई जाती रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने एक बार फिर इस तरह की आशंकाओं को पूरी तरह खारिज कर दिया है। राजीव कुमार ने कहा कि ईवीएम फुलप्रूफ डिवाइस है और इसके साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। इसके साथ ही ईवीएम में किसी प्रकार का वायरस भी नहीं आ सकता। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग हमेशा पूरी चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता पर जोर देता रहा है और पारदर्शिता हमेशा से हमारी उच्च प्राथमिकता रही है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत भी इस बात को मान चुकी है कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद ईवीएम पर शक जताने की कोशिश की जाती रही है। कुमार ने कहा कि चुनाव से सात-आठ दिन पहले ईवीएम को तैयार किया जाता है और मतदान खत्म होने के बाद सभी प्रत्याशियों के एजेंटों के सामने इसे सील कर दिया जाता है। इसलिए ईवीएम के जरिए अवैध वोटिंग या इससे छेड़छाड़ किए जाने के आरोपों में तनिक भी दम नहीं है।
मतदाता सूची को लेकर आरोपों में दम नहीं
मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिल्ली में मतदाता सूची को लेकर चल रहे आरोप प्रत्यारोप से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने को लेकर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं,वे पूरी तरह बेबुनियाद हैं। उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर अपने समर्थक मतदाताओं के नाम कटवाने का बड़ा आरोप लगाया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आयोग दिल्ली समेत पूरे देश में निष्पक्ष चुनाव को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध रहा है। कुमार ने कहा कि 2020 से 2024 के बीच 21 राज्यों में चुनाव हुए हैं और इनमें से 15 राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकारी बनी है।
इससे इस बात का संकेत मिलता है कि चुनाव आयोग पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं,वे पूरी तरह निराधार हैं। आयोग पूरी तरह निष्पक्ष होकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहा है।