Delhi Election : दिल्ली में चुनाव से पहले पीएम मोदी के ये दो कार्यक्रम अहम, जानिए सियासी समीकरण

Delhi Election : दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार दो कार्यक्रम हैं। इन कार्यक्रमों में विकास की आधारशिला के साथ-साथ बीजेपी की जीत का आधार पर भी रखेंगे। इसके साथ ही सियासी समीकरण साधने की कोशिश करेंगे। माना जा रहा है कि चुनाव से पहले ये कार्यक्रम गेमचेंजर साबित हो सकते हैं।

Newstrack :  Network
Update:2025-01-03 10:20 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pic - Social Media)

Delhi Election : प्रधानमंत्री नरेंद मोदी शुक्रवार यानी तीन जनवरी से मिशन दिल्ली का आगाज करेंगे। यहां रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित करने के साथ-साथ कई योजनाओं की शुरुआत भी करेंगे। इसके साथ ही झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले 1675 लोगों को फ्लैट की चाबी भी सौपेंगे। इन फ्लैट्स को स्वाभिमान अपार्टमेंट नाम दिया गया है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी की रैली के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। बता दें कि इसके बाद पांच जनवरी को पीएम मोदी की दूसरी रैली रोहिणी में है, यहां भी विकास की आधार शिला रखेंगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी इन कार्यक्रमों के साथ ही दिल्ली में बीजेपी की जीत का भी आधार रखेंगे।

दिल्ली के अशोक विहार स्थित नवनिर्मित स्वाभिमान अपार्टमेंट में झुग्गी-झोपड़ी के निवासियों के लिए स्लम पुनर्वास परियोजना के तहत फ्लैट बनाए गए हैं। पीएम मोदी दोपहर लगभग 12 बजे इन फ्लैट्स का दौरा करेंगे। इसके बाद करीब 1 बजे रामलीला मैदान पहुंचेंगे, जहां से विकास योजनाओं की आधारशिला रखेंगे। यहीं से दक्षिण दिल्ली के नौरोजीनगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की शुरुआत करेंगे। इसके साथ ही नजफगढ़ के वीर सावरकर कॉलेज की आधारशिला रखेंगे और द्वारका में नई सीबीएसई बिल्डिंग का उद्घाटन भी करेंगे। इसके साथ ही रैली को भी संबोधित करेंगे।

कार्यक्रमों के बाद हो सकता है चुनाव का ऐलान

इसके बाद पांच जनवरी को पीएम मोदी का दूसरा कार्यक्रम है, जो रोहिणी में है। वह यहां जापानी पार्क से रैली को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों को जोड़ने के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे। पीएम मोदी की उक्त रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। माना जा रहा है कि इन दोनों कार्यक्रमों के बाद कभी भी दिल्ली में चुनाव का ऐलान किया जा सकता है। ऐसे में इन कार्यक्रमों के सियासी मायने भी निकाले जा हैं।

वोटरों को साधने की कोशिश

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में पीएम मोदी अशोक विहार में अपने पहले कार्यक्रम के जरिए झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को फ्लैट देकर साधने के साथ ही उनका विश्वास जीतने की कोशिश करेंगे। अशोक विहार, वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र में आता है, यहां झुग्गियों में रहने वालों की संख्या काफी अधिक है।

रोचक मुकाबला होने की उम्मीद

इस सीट पर तीन बार कांग्रेस, दो बार बीजेपी का कब्जा रहा है। इसके बाद 2015 के चुनावों के बाद से यह सीट आम आदमी पार्टी के खाते में चली गई है। इस सीट पर इस बार की रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। आम आदमी पार्ट ने इस सीट से अपने दो बार के विधायक राजेश गुप्ता पर ही भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस ने इस सीट पर पार्टी प्रवक्ता रागिनी नायक को मैदान में उतारा  है। रागिनी नायक को काफी तेजतर्रार माना जाता है। इसके साथ वह पंजाबी समुदाय से हैं और उनके पति गुर्जर समुदाय से हैं। हालांकि बीजेपी ने अभी अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। इस सीट को बीजेपी हर हाल में जीतना चाहती है।

ये है जातीय समीकरण

वजीरपुर विधानसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पंजाबी और वैश्य समाज का दबदबा माना जाता है। हालांकि इस सीट पर पिछड़े और दलित समाज के मतदाताओं की संख्या करीब 25-25 फीसदी है। इसके अलावा पंजाबी 17 फीसदी, वैश्य समाज 12 फीसदी, मुस्लिम 5 फीसदी, गुर्जर 5 फीसदी और जाट 1 फीसदी है। सियासी तौर पर देखा जाए तो पिछड़े और दलित समाज को अहम माना जा रहा है।

ग्रामीण इलाके को साधने की कोशिश

वहीं, पीएम मोदी को दूसरी रैली पांच जनवरी को रोहिणी इलाके में है, यहां जापानी पार्क से जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों को जोड़ने के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट की आधारशिला भी रखेंगे। बता दें कि रोहिणी विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है। आम आदमी पार्टी की लहर के बावजूद बीजेपी के विजेन्द्र गुप्ता ने दो बार जीत हासिल की है। यह इलाका हरियाणा से जुड़ा हुआ है, हाल ही भी यहां बीजेपी ने जीत हासिल की थी। इस क्षेत्र से पीएम मोदी ग्रामीण इलाके को साधने की कोशिश करेंगे इसके साथ ही जीत का संदेश देंगे।

जातीय समीकरण

इस सीट पर जातीय समीकरण की बात की जाए तो बनिया, ब्राह्मण और पंजाबी मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है, जो क्रमश: 18 फीसदी, 12 फीसदी और 12 फीसदी है। इसके अलावा दलित 20 फीसदी, जाट 8 फीसदी, मुस्लिम 4 फीसदी और अन्य 26 फीसदी हैं। 

Tags:    

Similar News