Delhi Exit Poll: केजरीवाल और सिसोदिया को भी करना पड़ेगा हार का सामना! दिल्ली की बाकी VIP सीटों का क्या है हाल

Delhi Exit Poll: एक्सिस माई इंडिया और टुडेज चाणक्य दोनों का मानना है कि मुस्लिम वोटों पर आप की पकड़ बरकरार है और पार्टी को 69 से 74 फ़ीसदी मुस्लिम वोट हासिल हो सकते हैं।;

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2025-02-07 10:00 IST

Kejriwal - Sisodia (photo: Social Media)

AAP seats in Delhi: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग खत्म होने के बाद अब हर किसी को चुनाव नतीजे का बेसब्री से इंतजार है। कल घोषित होने वाले चुनाव नतीजे से पहले आए अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा का 27 साल का सूखा खत्म होने का अनुमान लगाया गया है। गुरुवार को आए तीन एग्जिट पोल में भी दिल्ली में भाजपा की बड़ी जीत की संभावना जताई गई है।

दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कुछ वीआईपी सीटों पर सबकी निगाहें लगी हुई है। ऐसे में एक्सिस माई इंडिया के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में आप मुखिया अरविंद केजरीवाल और जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के लिए खतरा होने की बात कही है। उनका मानना है कि इन दोनों क्षेत्रों में भाजपा आप पर भारी पड़ती हुई दिख रही है।

केजरीवाल की सीट पर भाजपा को बढ़त

पिछले तीन विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली विधानसभा सीट पर जीत हासिल करने वाले अरविंद केजरीवाल इस बार अपने गढ़ में कड़े मुकाबले में फंस गए हैं। उन्हें भाजपा के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से कड़ी चुनौती मिल रही है। भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए इस बार पूरी ताकत लगाई है। इसीलिए पार्टी ने पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को उतार कर केजरीवाल की घेरे बंदी की गई है।

प्रदीप गुप्ता का कहना है कि उनकी एजेंसी सीट दर सीट अनुमान नहीं लगाती मगर इस बात का आकलन जरूर करती है कि किस विधानसभा क्षेत्र में कौन सी पार्टी सबसे ज्यादा लोकप्रिय दिखाई है। प्रदीप गुप्ता का मानना है की नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में भाजपा सबसे लोकप्रिय पार्टी हो सकती है।

गुप्ता की यह भविष्यवाणी अरविंद केजरीवाल की टेंशन बढ़ने वाली है क्योंकि वे अपने गढ़ में इस बार चुनाव हार सकते हैं। 2013 में केजरीवाल ने इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराकर अपनी ताकत दिखाई थी। ऐसे में इस बार इस क्षेत्र में दोबारा वैसी स्थिति दिख सकती है।

सिसोदिया के लिए खतरा,आतिशी के लिए राहत

गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा की दूसरी वीआईपी सीट जंगपुरा को लेकर भी भविष्यवाणी की है। उनका मानना है कि इस क्षेत्र में भाजपा ज्यादा लोकप्रिय दिख रही है। जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में आप ने इस बार मनीष सिसोदिया को चुनाव लड़ाया है और उन्हें भाजपा प्रत्याशी तरविंदर सिंह मारवाह से कड़ी चुनौती मिल रही है। मारवाह सिसोदिया पर भारी पड़ते हुए दिख रहे हैं। ऐसे में पटपड़गंज सीट छोड़कर जंगपुरा सीट से लड़ने वाले सिसोदिया पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।

कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से आप के लिए राहत भरी खबर है क्योंकि यहां पर चुनाव लड़ रही दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी आतिशी को भाजपा पर बढ़त मिलती दिख रही है। वैसे भाजपा आतिशी से ज्यादा पीछे नहीं है। आतिशी को भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा से कड़ी चुनौती मिल रही है।

बाबरपुर में गोपाल राय की सीट सुरक्षित

ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र से आप ने अपने प्रमुख नेता सौरभ भारद्वाज को चुनावी अखाड़े में उतारा है। यहां से भी आप के लिए सुकून भरी खबर है क्योंकि आप को भाजपा पर थोड़ी बढ़त मिलती दिख रही है। वैसे इस सीट को आप के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं माना जा सकता।

बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र में आप के प्रमुख नेता गोपाल राय चुनाव लड़ रहे हैं और यहां भी आप भाजपा पर भारी पड़ती हुई दिख रही है। गुप्ता का मानना है कि बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र को आप के लिए सुरक्षित माना जा सकता है।

आप को लग सकता है बड़ा झटका

यदि एग्जिट पोल में लगाए गए अनुमान वास्तविक नतीजों में बदले तो यहां आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा। इसका मतलब है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे पार्टी के बड़े चेहरों को भी हार का सामना करना पड़ सकता है। आप की सरकार में दोनों क्रमशः मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम थे और दोनों को शराब घोटाले में जेल की हवा खानी पड़ी थी।

भाजपा को बड़ी जीत मिलने का अनुमान

एक्सिस माई इंडिया की ओर से लगाए गए अनुमान के मुताबिक भाजपा 48 फ़ीसदी वोट के साथ 50 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है, जबकि आप को 42 फ़ीसदी वोट शेयर के साथ 20 सीटों पर जीत मिल सकती है। टुडेज चाणक्य ने भी भाजपा को 51 और आप को 19 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है।

एक्सिस माई इंडिया और टुडेज चाणक्य दोनों का मानना है कि मुस्लिम वोटों पर आप की पकड़ बरकरार है और पार्टी को 69 से 74 फ़ीसदी मुस्लिम वोट हासिल हो सकते हैं। कांग्रेस मुस्लिम वोट हासिल करने में नाकाम दिख रही है।

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