Asaram Bapu: दाग दामन पे हैं यहां संतों के..., स्वयंभू भगवान, आध्यात्मिक गुरु या....
Asaram Bapu: पुलिस ऐसे लोगों को सुरक्षा सख्त करने में जुट गई है। जिन्होंने आसाराम और उनके निकटस्थ अनुयायियों से जान के खतरे की आशंका जताई है। इनमें शाहजहांपुर की पीड़िता का पिता भी शामिल है।;
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Asaram Bapu: आसाराम बापू एक बार फिर मेडिकल ग्राउंड पर अपनी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़वाने में कामयाब हो गये हैं। अब वह 30 जून तक खुली हवा में घूमने को आजाद हैं। जबकि उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है और वह उसे भोग भी रहे हैं। लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि आसाराम बापू क्या वाकई में निर्दोष हैं जो कानून की नजरों में अपराधी हैं। क्या वह वास्तव में संत हैं जैसा कि उनके तमाम अनुयायी मानते हैं तो फिर उनके चेले चपाटों में अपराधी किस्म के महिलाओं की इज्जत को तार तार करने वाले लोग कैसे हैं। क्या ऐसे महिलाओं के भोग की वस्तु समझने वाले लोग एक बार फिर उनके इर्द गिर्द गोलबंद होने शुरू नहीं हो जाएंगे। क्या उन पर चल रहे मुकदमों के वादियों के लिए खतरा तो नहीं हो जाएगा। क्योंकि पुलिस ऐसे लोगों को सुरक्षा सख्त करने में जुट गई है। जिन्होंने आसाराम और उनके निकटस्थ अनुयायियों से जान के खतरे की आशंका जताई है। इनमें शाहजहांपुर की पीड़िता का पिता भी शामिल है।
चिंता उस समय और बढ़ जाती है जबकि मध्य प्रदेश की 56 वर्षीय एक महिला भक्त स्वयंभू भगवान और स्वयंभू संत बलात्कार के दोषी आसाराम बापू के जोधपुर आश्रम के कानूनी टीम के प्रमुख और प्रबंधन के तीन अन्य कर्मचारियों पर उसके साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाती है। महिला का यह भी आरोप रहा कि उसके आरोप पर पुलिस ने कोई तवज्जो नहीं दी। पुलिस द्वारा कार्रवाई न किये जाने से निराश महिला अदालत की शरण में गई और अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी अदालत संख्या 8 के निर्देश पर शिकायत दर्ज करने के आदेश के बाद आश्रम के विधिक प्रमुख पंकज मीरचंदानी उर्फ अर्जुन और प्रबंधन स्टाफ सदस्य चेतनराम साहू, (सचित )भोला और जीवन के खिलाफ बोरानाडा थाने में छेड़छाड़ के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई।
जोधपुर में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एक मीडिया ग्रुप द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया, शिकायतकर्ता जो कि मध्य प्रदेश की एक 56 वर्षीय महिला है उसने अदालत के जरिये दर्ज कराई गई अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि वह अक्सर जोधपुर के पाल रोड स्थित आसाराम के आश्रम में जाती थी। यह वही आश्रम है, जहां 2013 में बापू ने एक नाबालिग के साथ बलात्कार किया था, जिसके लिए स्वयंभू संत को 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
शिकायतकर्ता के अनुसार, पिछले साल 21 जुलाई को वह छह अन्य महिला भक्तों के साथ आसाराम द्वारा दिए गए पहले से रिकॉर्ड किए गए धार्मिक प्रवचन में भाग लेने के लिए जोधपुर आश्रम गई थी। प्रवचन के दौरान, उसने आसाराम के खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों के बारे में पूछताछ की, जिसके बाद कुछ भक्तों ने उसे आश्रम के प्रबंधन और कानूनी प्रमुख मीरचंदानी से मिलने की सलाह दी।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि घटना के बाद उसी दिन वह मामला दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़िता के अनुसार, बाद में वह पुलिस आयुक्त से मिली और लिखित शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, एफआईआर तभी दर्ज की गई, जब उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसने पुलिस को शिकायत का संज्ञान लेने का निर्देश दिया। अभी तक पुलिस की कार्रवाई एफआईआर दर्ज करने से आगे नहीं बढ़ सकी है।