नेताओं-अधिकारियों को जनता पीटे तो हैरानी नहीं, हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

कोर्ट ने दिल्ली सरकार और अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए कहा, “अगर चीजें नहीं बदलती हैं और ऐसे ही चलता रहा तो उसे हैरानी नहीं होगी कि इन सबमें शामिल नेताओं और लोगों को जनता मिलकर पीटना शुरू कर दें।”

Update: 2021-01-22 07:09 GMT
नेताओं-अधिकारियों को जनता पीटे तो हैरानी नहीं, हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

नई दिल्ली: एमसीडी (Municipal Corporation of Delhi) को सैलरी न मिलने की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने केजरीवाल सरकार पर नाराजगी जताई है। बता दें कि कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार समेत तीनों नगर निगमों के सभासदों और अधिकारियों को जोरदार लताड़ लगाई। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह की परिस्थितियां राजनीतिक के चलते ही उत्पन्न होती है, अगर ऐसे मसले पर अधिकारियों और नेताओं की पिटाई होती है, तो इसमे कोई हैरानी की बात नहीं है।

नेताओं को पीटना शुरू कर दें जनता- कोर्ट

बता दें कि एमसीडी (Municipal Corporation of Delhi) कर्मचारियों के वेतन भुगतान न होने पर दिल्ली हई कोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार और अधिकारियों की कड़ी निंदा की है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार और अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए कहा, “अगर चीजें नहीं बदलती हैं और ऐसे ही चलता रहा तो उसे हैरानी नहीं होगी कि इन सबमें शामिल नेताओं और लोगों को जनता मिलकर पीटना शुरू कर दें।”

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कर्मचारियों की कोई फिक्र नहीं- कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है, “नगर निगमों और स्थानीय निकायों के बकाया कर्ज के एवज में उनसे लिए गए धन को 2 सप्ताह के भीतर उन्हें लौटाया जाए।” न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, “हम दिल्ली सरकार और नगर निगमों से कितने खिन्न हैं, यह बता नहीं सकता। आपको कर्मचारियों की कोई फिक्र नहीं। आप पूरी तरह गैरजिम्मेदाराना व्यवहार कर रहे हैं और आपको गरीब कर्मचारियों तथा सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों के बारे में बिल्कुल चिंता नहीं है।”

दिल्ली सरकार पर कोर्ट ने उठाए सवाल

इतना ही नहीं, कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं कि दिल्ली सरकार के राजस्व में कमी आई है लेकिन कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह से विज्ञापनों पर पैसा बहाया गया, उससे सवाल जरूर खड़े होते हैं।” कोर्ट ने दिल्ली सरकार सख्त रवैया अपनाते हुए से पूछा, “आपने कितना पैसा विज्ञपनों पर खर्च किया है। हम जानना चाहते हैं। आपके पास विज्ञापन पर खर्च करने के लिए पैसा है लेकिन एमसीडी के गरीब कर्मचारियों को देने के लिए नहीं।” वहीं कोर्ट ने दिल्ली सरकार को चेताते हुए कहा है कि हम CAG को भी इस मामले में जांच करने के आदेश दे सकते हैं।

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ये है वो नगर निगम के इलाकें

बताते चलें कि उत्तर, पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगमों ने अपने कर्मचारियों और पेशनभोगियों को वेतन भुगतान नहीं किया है, जिसके लिए गुरूवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की थी।

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