दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला, मुस्लिम पुरुषों की हिंदू पत्नियों पर भी लागू रहेगा तीन तलाक

Update:2017-04-21 19:44 IST
दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला, मुस्लिम पुरुषों की हिंदू पत्नियों पर भी लागू रहेगा तीन तलाक

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने उस जनहित याचिका को शुक्रवार (21 अप्रैल) को खारिज कर दिया, जिसमें केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि मुस्लिम पुरुषों से शादी कर चुकी हिंदू महिलाओं पर तीन तलाक या बहुविवाह के नियम लागू नहीं होने चाहिए।

इस याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने कहा, कि मुस्लिम पसर्नल लॉ में बदलाव संबंधी तीन तलाक का मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए वह इस मामले में सुनवाई नहीं करेगी।

इसलिए ख़ारिज हुआ मामला

पीठ ने कहा, इसमें कोई विवाद नहीं कि इस मामले की सुनवाई के लिए एक संवैधानिक पीठ का गठन किया गया है। इसलिए इसके द्वारा बनाया गया कानून समाज की सभी महिलाओं और बच्चों पर लागू होगा। कोर्ट ने ये भी कहा, कि 'सभी महिलाओं को कानून के तहत समान सुरक्षा पाने का हक है।

इसके मद्देनजर हम इस मामले पर सुनवाई को इच्छुक नहीं हैं। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।'

ये था मामला?

बता दें, कि वकील विजय कुमार शुक्ला ने यह जनहित याचिका दायर की है। जिसमें तीन तलाक से प्रभावित हिंदू महिलाओं की दुर्दशा का जिक्र किया गया है। इस याचिका में विशेष विवाह कानून या विवाह पंजीकरण अनिवार्यता कानून के तहत अंतरजातीय विवाह के पंजीकरण को इस उपधारा के साथ अनिवार्य बनाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है। जिसमें कहा गया है कि यदि अंतरजातीय विवाह का पंजीकरण नहीं कराया जाता है, तो जुर्माना लगाया जाएगा।

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