Delhi New CM: दिल्ली के नए CM को लेकर सस्पेंस बरकरार, भाजपा विधायक दल की बैठक टली, आखिर कौन मारेगा बाजी
Delhi New CM: मुख्यमंत्री पद की रेस में भाजपा के कई विधायक शामिल है और माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व अभी तक किसी एक नाम पर मन नहीं बन सका है।;
दिल्ली के नए CM को लेकर सस्पेंस बरकरार (photo: social media )
Delhi New CM: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद अभी तक नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस खत्म नहीं हो सका है। विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए गए थे मगर अभी तक भाजपा नेतृत्व नए मुख्यमंत्री को लेकर फैसला नहीं कर सका है। नए मुख्यमंत्री को चुनने के लिए भाजपा विधायक दल की आज बैठक होने वाली थी मगर अब इस बैठक को टाल दिया गया है। अभी तक बैठक को टाले जाने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।
सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक भाजपा विधायक दल की बैठक अब 19 फरवरी को होगी। इस बैठक में विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा। विधायक दल के नेता के चुनाव के बाद 19 या 20 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री पद की रेस में भाजपा के कई विधायक शामिल है और माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व अभी तक किसी एक नाम पर मन नहीं बन सका है। ऐसे में अब सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की रेस में आखिरकार कौन नेता बाजी करने में कामयाब होता है।
अभी तक खत्म नहीं हुआ सस्पेंस
दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस बार 71 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ 48 सीटों पर जीत हासिल की है। 2020 के विधानसभा चुनाव में आठ सीटों पर जीतने वाली भाजपा को इस बार 40 सीटों का फायदा हुआ है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर सिमट गई है और उसे 40 सीटों का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। कांग्रेस का लगातार तीसरी बार खाता नहीं खुल सका है। भाजपा की इस बड़ी जीत के बाद नए मुख्यमंत्री का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है मगर अभी तक इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है।
पहले कहा जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग जाएगी मगर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अभी तक इस बारे में आखिरी फैसला नहीं ले सका है। चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है मगर अभी तक नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस खत्म नहीं हो सका है।
भाजपा विधायक दल की बैठक अब 19 को
दिल्ली में भाजपा विधायक दल का नया नेता चुनने के लिए आज विधायक दल की बैठक होने वाली थी मगर अब इस बैठक को टाल दिया गया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि अब यह बैठक 19 फरवरी को होगी और उसी दिन विधायक दल के नए नेता का चुनाव किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक पार्टी की ओर से आज पर्यवेक्षकों के नामों का ऐलान किया जा सकता है। पर्यवेक्षकों की ओर से पार्टी के विधायकों से चर्चा की जाएगी और किसी एक नाम पर सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा।
शपथ ग्रहण समारोह को बिग शो बनाने की तैयारी
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा पहले ही इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि पार्टी के निर्वाचित विधायकों में से ही मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भाजपा 27 साल का सूखा खत्म करने में कामयाब रही है और ऐसे में शपथ ग्रहण समारोह को भव्य रूप देने की तैयारी की जा रही हैं।
शपथ ग्रहण समारोह को बिग शो बनाने की तैयारी है और इसमें करीब एक लाख लोग हिस्सा ले सकते हैं। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के सभी शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही एनडीए शासित 21 राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम भी इस समारोह में हिस्सा लेंगे।
मुख्यमंत्री पद की रेस में कई प्रमुख चेहरे
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की रेस में कई प्रमुख चेहरों के नाम शामिल बताया जा रहे हैं। नई दिल्ली विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को हराने वाले पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा का नाम शुरुआत से ही रेस में शामिल है। जाट बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले प्रवेश वर्मा को मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में गिना जा रहा है। उनके अलावा भाजपा की दिल्ली शाखा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय का नाम भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल है।
इन नेताओं के अलावा मनजिंदर सिंह सिरसा, रेखा गुप्ता, आशीष सूद, पवन शर्मा और शिखा राय को भी सीएम पद के दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि पार्टी का कोई भी नेता इस बाबत कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है।
जानकारों का कहना है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह दिल्ली में भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से चौंकाने वाला फैसला किया जा सकता है। यही कारण है कि सबकी निगाहें भाजपा विधायक दल की बैठक पर लगी हुई हैं और सबको इस बात का बेसब्री से इंतजार है कि आखिरकार कौन नेता बाजी मारने में कामयाब हो पाता है।