Delhi News: 80 साल के महंत की सेवा में लगी थी साध्वी और हो गया बड़ा कांड, फिर महिला ने उठाया ऐसा कदम कि...
Delhi News: एक महिला ने दिल्ली के एक आश्रम में 80 साल के महंत पर बलात्कार का आरोप लगाया है। महिला का दावा है कि अप्रैल में जब वह आश्रम में रुकी थी, तब महंत ने बीमार होने का बहाना बनाकर उसके साथ रेप किया।
New Delhi: एक महिला साध्वी महंत की सेवा करने उनके आश्रम जाया करती थी। इस दौरान कभी-कभी महिला साध्वी आश्रम में रूक भी जाती थी। अब साध्वी महिला ने आश्रम के महंत पर गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला दिल्ली के नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट इलाके का बताया जा रहा है। जहां पर एक आश्रम के महंत पर एक महिला ने रेप का मामला दर्ज कराया है। इस मामले में सीनियर पुलिस अफसर ने एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि महिला के आरोपों की जांच की जा रही है। यह मामला पुराना है। पीड़ित महिला (50) का दावा है कि उन्हें अपने गुरु (80) की सेवा के लिए आश्रम जाना पड़ता था, वहीं कई बार आश्रम में रुकना भी पड़ता था। उन्होंने बताया कि 14-15 अप्रैल के आस-पास की बात है वह आश्रम आई थीं। रात हो चुकी थी और उन्होंने जरूरत का सभी सामान महंत के पास रख दिया था और वह अपने कमरे में सोने के लिए जाने लगीं।
जानिए क्या है आरोप?
महिला का आरोप है कि इसी दौरान महंत ने अपनी तबीयत खराब होने का बहाना बनाया और उन्हें अपने कमरे में ही रोक लिया। आधी रात को जब वह नींद में थीं तो उस समय महंत उनके साथ आपत्तिजनक हरकतें करने लगे। वह नींद से उठीं और शोर मचाने लगीं। आरोप है कि उनके शोर मचाने पर महंत ने अपने सिरहाने से धारदार हथियार निकाल लिया और उनकी गर्दन पर रख दिया और जबदस्ती रेप किया। सुबह जब ताला खुला तो वह कमरे से बाहर भागीं।
महिला ने अपने बयान में दावा किया है कि उन्होंने कॉल कर महंत से बातचीत की। उनकी बातचीत को रिकॉर्ड भी किया। जो सबूत के तौर पर उन्होंने पुलिस को सौंप दिया है। महिला ने आरोप लगाया कि जब वह इस घटना के करीब 15 दिन बाद महंत के पास गईं तो उन्हें वहां साध्वी बनकर साथ रहकर उन्हें खुश रखने का ऑफर दिया, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया तो महंत ने उन्हें अपने रिश्तेदारों से आश्रम के बाहर निकलवा दिया। इसके बाद उन्होंने ट्रस्ट के लोगों को आपबीती बताई।
13 दिसंबर को दर्ज हुआ था केस
पीड़ित महिला ने 13 दिसंबर को पुलिस में मामला दर्ज कराया। महिला साध्वी का दावा है कि वह अपना घर-परिवार सब छोड़कर गुरु की सेवा में लगी थीं। वह नोएडा की रहने वाली हैं और आश्रम की ओर से संचालित एक मंदिर से करीब 20 साल से जुड़ी हैं। वह गुरु की भक्ति और साधना में इस कदर लीन हुईं कि उन्होंने अपने पारिवारिक जीवन को ही त्याग दिया। वह पति और 25 साल के बेटे से अलग रहने लगीं। उन्होंने आश्रम में भरपूर सेवा की। जिसके चलते उन्हें ट्रस्ट का अध्यक्ष भी बनाया दिया गया। कुछ महीनों पहले आश्रम-मंदिर की गद्दी पर बैठे गुरु यानी महंत की तबीयत खराब हुई थी। ट्रस्ट के सभी सदस्य उनकी सेवा कर रहे थे। नोएडा के अस्पताल में गुरु का ऑपरेशन करवाया गया। करीब एक महीने बाद उनकी तबीयत में सुधार हुआ और वह चलने-फिरने लगे। आरोप है कि इसके बाद गुरु की नीयत उन पर खराब होने लगी।