क्या दिल्ली रेगिस्तान में होगी तब्दील
गौतमबुद्धनगर के जेवर ब्लॉक में भी पानी की उपलब्धता नहीं हैं। हालांकि अभी दादरी और दनकौर ब्लॉक सेमी क्रिटिकल जोन में हैं। इस दिशा में स्वयं पहल करते हुए प्राधिकरण के अध्यक्ष व मुख्य कार्यपालक अधिकारी आलोक टंडन ने नोएडा में भू जल स्तर को बढ़ाने का प्रयास कर रहे है।
नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में भू-जल के अंधाधुंध दोहन की वजह से पानी की उपलब्धता समाप्त होने की कगार पर है। विगत सालों में प्राधिकरण व जिला प्रशासन की ओर से इस पर इतना ध्यान नहीं दिया गया। हालांकि भू जल दोहन करने पर जुर्माना लगाया गया। यह इतना कारगर नहीं दिखा।
इसके अलावा गौतमबुद्धनगर के जेवर ब्लॉक में भी पानी की उपलब्धता नहीं हैं। हालांकि अभी दादरी और दनकौर ब्लॉक सेमी क्रिटिकल जोन में हैं। इस दिशा में स्वयं पहल करते हुए प्राधिकरण के अध्यक्ष व मुख्य कार्यपालक अधिकारी आलोक टंडन ने नोएडा में भू जल स्तर को बढ़ाने का प्रयास कर रहे है।
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इसके लिए नोएडा में 20 हजार वर्गमीटर पर बनी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी का आज शाम तक निरीक्षण किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण के प्रबंधकों के नेतृत्व में कुल 20 टीमों का गठन किया गया है। जिनका कार्य देखना होगा कि इन बिल्डिंगो में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा चालू हालत में है या नहीं है।
बता दें कि प्राधिकरण द्वारा जब किसी हाउसिंग सोसायटी हेतु सीसी कंपलीशन सर्टिफिकेट दिया जाता है तो उसमें आवंटी को यह शपथ पत्र देना होता है कि उन्होंने अपने यहां रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग व रेन वाटर हार्वेस्टिंग के सुविधा विकसित कर ली है। ऐेसे में यदि सुविधा उपलब्ध नहीं है तो आवंटी को एक सप्ताह का समय दिया जाएगा।
एक सप्ताह में यदि वह सिस्टम को नहीं सुधारते तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। बता दें नियमता 250 वर्गमीटर क्षेत्र के भूखंडो पर बने इकाईयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया अनिवार्य है। लेकिन शहर में लगे अधिकांश सिस्टम खराब है। इनको समय पर ठीक नहीं कराने से प्रतिवर्ष लाखों गैलन पानी नालियों के जरिए वेस्ट हो रहा है।
दो ब्लॉक में शून्य है पानी की उपलब्धता
भौगोलिक क्षेत्र भू-जल रिचार्ज भू-जल दोहन भू-जल उपलब्धता
(हेक्टेयर) (हेक्टेयर मीटर) (हेक्टेयर मीटर) (हेक्टेयर मीटर)
बिसरख 33476 7735.62 9095.85 शून्य
दादरी 22716 13033.16 10498.28 2534.88
दनकौर 43776 13908.00 11822.90 2085.39
जेवर 36627 11142.97 11227.48 शून्य
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जल दोहन ने खड़ी की दिक्कत
तेजी के साथ किए जा रहे गौतमबुद्धनगर में जल दोहन ने समस्या खड़ी कर दी है। शहर में पानी की उपलब्धता पांच वर्ष से औसतन 1.5 मीटर की दर से घट रही है। शहर के कई इलाकों में भू-जल का स्तर इतना नीचे गिर गया है कि वहां से पानी निकालना तक सं•ाव नहीं है। यदि अब भी परिर्वतन नहीं लाया गया तो पीने योग्य मीठा पानी समाप्त हो जाएगा। प्राधिकरण अधिकारियों ने भी माना कि इसकी वजह शहर में बढ़ता कंकरीट का जाल है। बेहतर सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए शहर में बड़े स्तर पर प्राक़ति का दोहन किया गया। कंस्ट्क्शन साइट पर जल का अंधाधुंध दोहन करने की वजह से जल के स्त्रोत समाप्त हो रहे हैं। जिसकी वजह से पानी की उपलब्धता शून्य तक जा पहुंची हैं।
बनाए गए नियमों का इतना नहीं दिखा असर
-कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण के लिए एसटीपी पानी का प्रयोग
-वाहनों की धुलाई में एसटीपी पानी का प्रयोग
-भू-जल स्तर बचाने के लिए बोरिंग पर रोक
-250 वर्गमीटर के भूखंडो पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य
-सड़कों के किनारे फुटपाथ पर इंटर लाकिंग टाइल्स
-पार्को, ग्रीन बेल्ट में सिचार्इं के लिए एसटीपी पानी का प्रयोग
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वर्तमान में किए जा रहे प्रयास
-वर्तमान में जल संचयन के लिए किए जा रहे प्रयास।
-सेक्टर-91 व सेक्टर-137 को मिलाकर बनाया जा रहा इको लंग्स (वैटलैंड)
-गेझा में जीवित किया जा रहा तालाब
-बायोडावर्सिटी , मेडिसनल पार्क को किया गया विकसित
-जल संचयन के लिए चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
-प्रतिदिन ग्रामीणों व शहरवासियों के साथ बैठक