दिल्ली हिंसा पर इस बड़े किसान नेता ने देश से मांगी माफी, बोले- 30 को रखेंगे उपवास
नई दिल्ली: दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर किसान संगठनों की जमकर किरकिरी हो रही है। जिसके बाद से किसान संगठन बैकफुट पर आ गए हैं।
किसान नेता युद्धवीर सिंह किसान संगठनों के बचाव में उतरे आए हैं। उन्होंने दिल्ली में हुए उपद्रव के लिए देश से माफी मांगी है और कहा है कि जो दो संगठन आंदोलन से अलग हुए हैं, वो पहले से ही संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं थे।
पहले भी दोनों संगठन आंदोलन से हटे थे, लेकिन उनके इलाकों से जब दबाव बना तब वापस आंदोलन से जुड़ गए थे।
ट्रैक्टर परेड के दौरान जो कुछ भी हुआ, वो शर्मनाक था और उस दिन की घटना के लिए वह शर्मिंदा हैं।
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30 जनवरी को एक दिवसीय उपवास
उन्होंने कहा कि कोई भी आंदोलन तभी सफल होता है, जब दोनों ओर से सहयोग हो। युद्धवीर सिंह ने बताया कि मैं गाजीपुर बॉर्डर के पास था, जो उपद्रवी वहां घुसे उसमें हमारे लोग शामिल नहीं थे।
किसान नेता बोले कि हम हिंसा को लेकर निंदा भी कर रहे हैं और इसके प्रायश्चित के लिए 30 जनवरी को एक दिवसीय उपवास भी करेंगे। दिल्ली पुलिस में भी हमारे ही भाई हैं, ऐसे में उनके साथ जिस तरह का बर्ताव हुआ हम दिल्ली पुलिस के जवानों से माफी मांगते हैं।
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20 किसान नेताओं को जारी किया गया नोटिस
26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस लगातार एक्शन ले रही है। इस बीच दिल्ली पुलिस की ओर से ट्रैक्टर रैली के संबंध में पुलिस के साथ समझौते को तोड़ने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस राजेवाल सहित 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है।
साथ ही तीन दिन के अंदर जवाब देने को कहा है। गृह मंत्रालय ने किसान नेताओं पर बड़ा एक्शन लेते हुए लुकआउट नोटिस जारी करने का आदेश दे दिया है।
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क्यों ना की जाए आप पर कार्रवाई?
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की तरफ से भेजे गए नोटिस में लिखा है कि आपके खिलाफ क्यों ना कानूनी कार्रवाई की जाए? ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस के साथ जो करार हुआ था, आपने उसके नियमों का उल्लंघन किया है।
इसमें शर्तों के उल्लंघन का भी जिक्र किया गया है, साथ ही ये भी पूछा गया है कि 26 जनवरी से पहले कैसे उग्रवादी तत्व अंदर पहुंच गए। किसान नेताओं से तीन दिन में इस नोटिस का जवाब मांगा गया है।
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