पेट्रोल-डीजल का बढ़ा संकट: आज बंद हो सकते हैं कई पंप, ये है बड़ी वजह
रेलवे स्टेशन स्थित तीनों डिपो की तरफ से दस हजार से अधिक लीटर की बिक्री करने वाले कुछ पेट्रोल पंपों को तेल की सप्लाई कर दी गई, लेकिन इसके बाद सप्लाई को बंद कर दिया गया।
लखनऊ: पंजाब और हरियाणा में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इस आंदोलन की वजह से रेल सेवा बाधित हुई है जिसके कारण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पेट्रोल डीजल का संकट बढ़ गया है। जम्मू में बुधवार की शाम एचपी, बीपीसी और इंडियन आयल डिपो ने पंप डीलरों को सप्लाई को बंद कर दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक रेल सेवा बाधित होने के कारण तीनों डिपो का स्टॉक स्तर एमएसएल यानी न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। इसमें सेना और आपातकाल स्थिति के लिए ही तेल रिजर्व रखा जाता है। पेट्रोल पंप अब जालंधर और बठिंडा से टैंकरों के माध्यम से तेल मंगा रहे हैं। इसमें सप्लाई के लिए कम से कम तीन दिन लग जा रहे हैं। शहर के कई पेट्रोल पंपों पर आज यानी तक का स्टॉक बचा है, जिससे प्रदेश में तेल के लिए हाहाकार मच सकता है।
बुधवार शाम दोपहर तक रेलवे स्टेशन स्थित तीनों डिपो की तरफ से दस हजार से अधिक लीटर की बिक्री करने वाले कुछ पेट्रोल पंपों को तेल की सप्लाई कर दी गई, लेकिन इसके बाद सप्लाई को बंद कर दिया गया। इन डिपो द्वारा पेट्रोल, तेल, केरोसीन आदि तरल पदार्थों की सप्लाई किया जाता है।
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पेट्रोल पंप संचालकों को दूसरे राज्यों से तेल की सप्लाई लेने के लिए कहा गया है। तीनों डिपो से जम्मू कश्मीर और लद्दाख को हर दिन 400-450 टैंकरों की सप्लाई होती है। जम्मू में मालगाड़ी के ना पहुंचने की वजह से तेल की सप्लाई में बहुत ज्यादा कमी आई है। खासतौर पर कश्मीर और लद्दाख के लिए अधिक संकट खड़ा हो सकता है।
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कई पंपों पर लगीं कतारें
डीजल-पेट्रोल की किल्लत के कारण शहर के कई पेट्रोल पंपों में वाहन चालकों की कतारें लग गईं। इमरजेंसी स्थिति के लिए ज्यादा डीजल-पेट्रोल लेने के लिए होड़ मची रही। भीड़ के मद्देनजर कुछ पेट्रोल पंपों ने सप्लाई को ही बंद कर दिया।
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बर्फबारी में स्टाॅक करना होगा मुश्किल
नवंबर से लेह लद्दाख समेत अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण छह महीने तक आवाजाही बंद हो जाती है, जिससे इन इलाकों में तेल का स्टाक पहले ही जमा कर लिया जाता है। लेकिन तेल की भारी कमी हो जाने से इन इलाकों में सप्लाई नहीं पहुंच पा रही है। इसके कारण तेल का समय पर स्टॉक करना मुश्किल हो जाएगा।
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