अब ऑफलाइन डिजिटल लेन-देन, सरकार ने शुरू की नई सुविधा

इंटरनेट कनेक्शन नहीं होने की वजह से डिजिटल पेमेंट या ट्रांजैक्शन में मुश्किल होती है। हालांकि, अब रिजर्व बैंक ने एक ऐसी सुविधा की शुरुआत की है, जिसके जरिए आप बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी डिजिटल लेनदेन कर सकेंगे।

Update:2020-08-07 13:41 IST
अब ऑफलाइन डिजिटल लेन-देन, सरकार ने शुरू की नई सुविधा

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की नीतियों ने डिजिटल पेमेंट को पलागू किया जिसके बाद से लोगों ने इस नीति को अपनाया भी। लोग डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता भी देते हैं । लेकिन अक्सर देखा गया है कि इंटरनेट कनेक्शन नहीं होने की वजह से डिजिटल पेमेंट या ट्रांजैक्शन में मुश्किल होती है। हालांकि, अब रिजर्व बैंक ने एक ऐसी सुविधा की शुरुआत की है, जिसके जरिए आप बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी डिजिटल लेनदेन कर सकेंगे।

बार में 200 रुपये तक के भुगतान की अनुमति

दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने ‘ऑफलाइन’ यानी बिना इंटरनेट के कार्ड और मोबाइल के जरिये छोटी राशि के भुगतान की अनुमति दे दी है। इसके तहत एक बार में 200 रुपये तक के भुगतान की अनुमति होगी। इस पहल का मकसद उन जगहों पर भी डिजिटल लेन-देन के लिए ग्राहकों को प्रोत्साहित करना है, जहां इंटरनेट से संपर्क की कनेक्टिविटी कम है। यानी लेनदेन के लिए इंटरनेट से सम्पर्क की जरूरत नहीं होगी।

क्या है पायलट योजना

केंद्रीय बैंक की अधिसूचना के अनुसार पायलट योजना के तहत भुगतान कार्ड, वॉलेट या मोबाइल उपकरणों या अन्य किसी माध्यम से किया जा सकता है। इसके लिये किसी अन्य प्रकार के वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, अभी सिंगल पेमेंट के लिए अधिकतम सीमा 200 रुपये है लेकिन भविष्य में ये रकम बढ़ाई जा सकती है।

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फिलहाल, इसे पायलट योजना के तहत चलाया जाएगा, बाद में आरबीआई औपचारिक व्यवस्था स्थापित करने के बारे में निर्णय करेगा। पायलट योजना 31 मार्च, 2021 तक चलेगी।

डिजिटल भुगतान को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद

आरबीआई ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट का अभाव या उसकी कम गति डिजिटल भुगतान के रास्ते में बड़ी बाधा है। इसको देखते हुए कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों के माध्यम से ऑफलाइन भुगतान का विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है जिससे डिजिटल भुगतान को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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इसमें शिकायतों के समाधान की यह व्यवस्था नियम आधारित और पारदर्शी होगी। इसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा या अगर होगा भी तो बहुत कम। इस पहल का मकसद विवादों और शिकायतों का समय पर और प्रभावी तरीके से निपटान करना है।

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