घिनौनी करतूत: आतंकियों का मासूमों की असमत से खिलवाड़ का सामने आया सच

सिर्फ 13 साल की उम्र में 3 अगस्त 2014 को आतंकी संगठन आईएस मुझे अपनी कैद में ले गए थे। आतंकियों द्वारा बंधक बना लेने के बाद मेरी जिंदगी ऐसी हो गई, बिल्कुल नरक से बढ़कर। मेरे साथ करीब 1 साल तक बहुत अमानवीय व्यवहार हुआ।

Update: 2019-11-06 04:28 GMT
घिनौनी करतूत: आतंकी और मासूमों की असमत से खिलवाड़ का सामने आया सच

नई दिल्ली : सिर्फ 13 साल की उम्र में 3 अगस्त 2014 को आतंकी संगठन आईएस मुझे अपनी कैद में ले गए थे। आतंकियों द्वारा बंधक बना लेने के बाद मेरी जिंदगी ऐसी हो गई, बिल्कुल नरक से बढ़कर। मेरे साथ करीब 1 साल तक बहुत अमानवीय व्यवहार हुआ। तीन बार आतंकियों ने मुझे खरीदा और बेचा। रोज ही मेरे साथ यौन उत्पीड़न होता था। अपहरण के बाद मुझे ऐसे घाव मिले, जो मै कभी भूल नहीं पाऊंगी।

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दर्द भरी दास्तां सबको सुनाई

मुंबई में मंगलवार को इस लड़की अपनी दर्द भरी दास्तां सबको सुनाई। लड़की को बचाए गए यजिदियों के दफ्तर के निदेशक हुसैन अल कादी ने स्थानीय एनजीओ के साथ मिलकर कुछ दुष्कर्म पीड़िताओं की एक प्रेस कांफ्रेंस कराई। इसमें सब की वही दुख भरी कहानी थी। जो उनके साथ आईएसआईएस के गढ़ उत्तरी इराक के सिंजर में घटी।

बता दें कि क्षेत्रीय कुर्द सरकार के प्रतिनिधियों और आईएर्सआएस की यातनाओं के शिकार हुए पीड़ितों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि संघर्ष वाले क्षेत्र से यजिदी और कुर्द लोगों को निकालकर उनके पुनर्वास करने में मदद करें।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि सिंजर से अमेरिकी सेनाओं की वापसी एक गलत निर्णय है। इससे क्षेत्र में आईएसआईएस का आतंक बढ़ेगा खासतौर से यजिदी जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ।

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महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने के साथ ही...

साथ ही अलकादी ने बताया कि साल 2014 में आईएसआईएस ने सिंजर पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद हजारों की संख्या में यजिदियों को पलायन करना पड़ा। सैकड़ों लोगों को या तो जिंदा दफना दिया गया या फिर जला दिया गया या फिर गोली मार दी गई।

फिर युवाओं को अपने साथ जोड़कर आतंकी बना दिया गया जबकि महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने के साथ ही उन्हें दासी बना दिया। इसके अलावा उन्हें आईएसआईएस आतंकियों से शादी करने को भी मजबूर किया गया। लड़कियों को आतंकी सिर्फ उनकी असमत से खिलवाड़ करने के लिए आस-पास के इलाकों से उठा लाते है।

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