पीएम मोदी का सपना साकार कर रहे हैं देश के ये 5 गांव
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अक्सर देश के अलग-अलग गांवों और वहां छिपी हुई प्रतिभाओं के बारें में रेडियो पर बताते हुए सुना होगा। लेकिन आज हम आपको देश के ऐसे पांच गांवों के बारें में बता रहे है। जिन्होंने पीएम मोदी के सपने को सच कर दिखाया है।
लखनऊ : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अक्सर देश के अलग-अलग गांवों और वहां छिपी हुई प्रतिभाओं के बारें में रेडियो पर बताते हुए सुना होगा। लेकिन आज हम आपको देश के ऐसे पांच गांवों के बारें में बता रहे है। जिन्होंने पीएम मोदी के सपने को सच कर दिखाया है। तो आइये जानते है उन गांवों के बारें में:-
1. धोरा माफी, उत्तर प्रदेश- (एशिया का सबसे शिक्षित गांव)
पहले जहां ये खिताब केरला के पोथानिक्कड़ गांव के पास था अब उत्तर प्रदेश का 'धोरा माफी' गांव एशिया का सबसे पढ़ा लिखा गांव बन गया है। अलीगढ़ जिले के इस गांव में 24 घंटे की बिजली और पानी की सप्लाई है। इंग्लिश मीडियम स्कूल और कॉलेज हैं। यहां का लिट्रेसी रेट 75 प्रतिशत का है। ये 2002 में लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हुआ था और अब गिनीज बुक में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस चल रहा है।
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2. छप्पर, हरियाणा, लड़की पैदा होने पर खुशियां मनाता है ये गांव
इस गांव की सरपंच नीलम नें गांव की सूरत ही बदल दी। पहले घूंघट में रहने वाली महिलाएं अब बिना घूंघट के आसानी से सांस ले सकती हैं और अपनी बात सबके सामने रख सकती हैं। आज जहां हरियाणा में 1000 लड़कों पर 877 लड़कियों का औसत है ऐसे में छप्पर गांव में लड़की पैदा होने पर मिठाइयां बांटी जाती हैं।
3. धसई, पुणे - देश का पहला कैशलेस गांव
धसई अब एक ऐसा गांव बन चुका है जहां 5 रुपए की चाय के लिए भी आप कार्ड पेमेंट कर सकते हैं। बैंक ऑफ बड़ोदा के साथ मिलकर एक एनजीओ वीर सर्वरकर प्रतिस्थान ने गांव में दुकनदारों को स्वाइप मशीनें दे दी हैं।
यहां पर बाल कटवाने से लेकर चाय पीने के लिए तक आप कार्ड पेमेंट कर सकते हैं। यहां बैंक ने फ्री में मशीनें लगवाई हैं और दुकनदारों को 100 रुपए में से सिर्फ 0.75 पैसे ही फीस देनी होती है।
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4. मॉवलेन्नॉन्ग, मेघालय- देश का सबसे साफ गांव
शिलॉन्ग से 100 किलोमीटर दूर मेघालय का ये छोटा सा गांव 2003 में भारत का ही नहीं एशिया के सबसे साफ गांव का खिताब जीत चुका है। इस गांव में लोग कचरा फैलाने में यकीन नहीं रखते। पेड़ों से गिरे पत्ते भी गांव वाले खुद साफ कर देते हैं. अब ये हुई ना कोई बात।
5. अकोदरा, गुजरात)- देश का पहला डिजिटल गांव
2015 में अकोदरा गांव देश का पहला डिजिटल गांव बन चुका है। आईसीआईसीआई बैंक ने गुजरात सरकार के साथ मिलकर गांव में सभी जरूरी सुविधाओं को जैसे मेडिकल, फाइनेंशियल आदि को डिजिटल कर दिया।
अब गांव में सबसे बड़ा पेमेंट ऑप्शन मोबाइल बैंकिंग है। जहां धसई में कार्ड पेमेंट ज्यादा है, वहीं अकोदरा में मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल लोग ज्यादा करते हैं।
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