मुंबई: एक स्थानीय अदालत ने महिला के साथ छेड़छाड़ के एक 55 वर्षीय आरोपी को इसलिए बरी कर दिया, क्योंकि महिला मदद के लिए चिल्लाई नहीं थी। कोर्ट ने महिला के उस दावे को खारिज कर दिया कि वह इस वजह से डरी हुई और सदमे में थी, क्योंकि उसके साथ छेड़छाड़ उसके बच्चे की मौजूदगी में हुआ था। हालांकि, आरोपी के बरी होने की सिर्फ यही वजह नहीं थी।
कोर्ट ने फैसले में स्पष्ट किया कि 'इस तरह के मामलों में पीड़ित की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है। हालांकि, यह हमेशा निर्णायक नहीं है।' कोर्ट ने कहा कि 'घटना किसी सुनसान जगह पर नहीं हुई बल्कि ऐसे जगह पर हुई जहां चारों तरफ घर और लोग थे, जिनसे महिला परिचित थी।' महिला की मानें, तो जब वह अपने घर के पास बच्चे के साथ खेल रही थी तभी आरोपी ने उसके प्राइवेट पार्ट्स को छुआ था।
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जानें, क्या है मामला?
महिला ने कोर्ट को बताया कि यह घटना 22 दिसंबर 2014 की है। जब यह घटना हुई तो वह डर गई थी। उस वक़्त वो घर भाग गई। बाद में, उसने इसकी जानकारी अपनी मां और दो बहनों को दी। उसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में महिला ने कहा, कि 'आरोपी ने एक हाथ उसके बच्चे के गालों पर रखा और दूसरे हाथ से उसके प्राइवेट पार्ट्स के साथ छेड़छाड़ करने लगा। शिकायत के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था।'
कोर्ट ने बदलते बयानों का जिक्र किया
कोर्ट ने अपने फैसले में महिला के बदलते बयानों का जिक्र किया है। महिला ने कोर्ट में कहा, कि घटना के वक्त आरोपी शराब के नशे में था लेकिन उसने पुलिस में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में इसका कोई जिक्र नहीं किया था। कोर्ट ने कहा कि महिला के बयान विश्वसनीय नहीं हैं और संदेह पैदा करते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि महिला ने बताया कि वह सलवार-कमीज पहनी हुई थी लेकिन जांच अधिकारियों ने बताया कि वह नाइट गाउन में थी।