कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार से पूछा- डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या किया?

डॉक्टरों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार चौतरफा घिरती दिखाई दे रही है। कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में दो जूनियर डॉक्टरों पर हमला होने के बाद पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर मंगलवार से हड़ताल पर हैं।

Update: 2019-06-14 10:24 GMT

कोलकाता: डॉक्टरों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार चौतरफा घिरती दिखाई दे रही है। कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में दो जूनियर डॉक्टरों पर हमला होने के बाद पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर मंगलवार से हड़ताल पर हैं। शुक्रवार को डॉक्टरों की इस हड़ताल को देशभर के डॉक्टरों ने समर्थन दिया है।

इस बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को कहा है कि वह तुरंत हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से बातचीत करे और मामले को सुलझाए। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने ममता सरकार से पूछा है कि उन्होंने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं।

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कलकत्ता हाईकोर्ट ने दो चिकित्सकों पर हुए हमले के विरोध में सरकारी अस्पतालों के कनिष्ठ चिकित्सकों की हड़ताल पर कोई अंतरिम आदेश देने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति सुव्रा घोष की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह हड़ताल कर रहे चिकित्सकों को काम पर लौटने और मरीजों को सामान्य सेवाएं देने के लिए राजी करे।

अदालत ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह सोमवार रात को शहर के एक अस्पताल में कनिष्ठ चिकित्सकों पर हमले के बाद उठाए गए कदमों के बारे में उसे बताए।

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जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने हड़ताल कर रहे चिकित्सकों को याद दिलाया कि उन्होंने सभी मरीजों की भलाई सुनिश्चित करने की शपथ ली थी। पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 21 जून की तिथि तय की है।

शहर के एनआरएस चिकित्सकीय कॉलेज एवं अस्पताल में दो चिकित्सकों पर हुए हमले के बाद पश्चिम बंगाल के सभी सरकारी अस्पतालों के कनिष्ठ चिकित्सक हड़ताल पर हैं। चिकित्सकों ने चिकित्सकीय कॉलेजों एवं अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा की मांग की है।

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