हॉवित्जर तोप का आतंकः गोलाबारी से कांपे दुश्मन देश, भारत का ये खतरनाक हथियार

डीआरडीओ द्वारा विकसित स्वदेशी हॉवित्जर एटीएजीएस (उन्नत जाली तोपखाने प्रणाली) का परीक्षण किया गया। यह दुनिया की सबसे अच्छी बंदूक है।

Update: 2020-12-19 05:17 GMT

नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान से भारत के जारी तनाव के बीच स्वदेशी हॉवित्जर ATAGS का शुक्रवार को ओडिशा के बालासोर फायरिंग रेंज में परीक्षण हुआ। देश के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हॉवित्जर ATAGS को विकसित किया है। बता दे कि उन्नत जाली तोपखाने प्रणाली से जुड़ी ये दुनिया की सबसे अच्छी बंदूक है। वहीं इस प्रणाली की बंदूक कोई और देश अब तक बनाने में सक्षम नहीं हो सका है।

स्वदेशी हॉवित्जर ATAGS का परीक्षण

देश लगातार स्वदेशी हथियारों को विकसित करने पर काम कर रहा है। सरकार स्वदेशी तकनीक के जरिए हथियारों को बनाने पर जोर दे रही है, ताकि देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने 28 हजार करोड़ रूपए के उपकरण, साजो सामान की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जिसमें एयरक्राफ्ट, युद्धपोतों से जुड़े समानों को खरीदने के साथ ही स्वदेशी हथियारों का निर्माण किया जाएगा।

सिर्फ भारत के पास ये हथियार

इसी कड़ी में आज डीआरडीओ द्वारा विकसित स्वदेशी हॉवित्जर एटीएजीएस (उन्नत जाली तोपखाने प्रणाली) का परीक्षण किया गया। डीआरडीओ के एटीएजीएस प्रोजेक्ट डायरेक्टर शैलेंद्र गाडे ने दावा किया है कि यह दुनिया की सबसे अच्छी बंदूक है।

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ATAGS की खासियत

एडवांस टावर आर्टिलरी गन 48 किलोमीटर दूर तक बिल्कुल सटीक तरीके से टारगेट हिट कर सकती है। तोप का ऑपरेशनल पैरामीटर खुद से 25 किलोमीटर प्रति घंटा मूव कर सकता है। यह 52 कैलिबर राउंड्स लेगी, जबकि बोफोर्स की क्षमता 39 कैलिबर की है।

तोपखाने प्रणाली के वर्ग में भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि

बता दें कि स्वदेशी हॉवित्जर ATAGS तोप सिर्फ भारत के पास है। इसे डिजाइन करने के लिए तीन साल का वक्त लगा, तब जाकर इसका परीक्षण हुआ। इस तोप का परीक्षण पीएसक्यूआर के तहत किया जा रहा है। इसे तोपखाने प्रणाली के वर्ग में भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है।

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सेना को मिलेंगी 200 ATAGS होवित्जर तोपें

गौरतलब है कि दुनिया की सबसे अच्छी तोप का परीक्षण ऐसे वक्त में हुआ है, जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा है। इस विवाद को लेकर सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भविष्य में होने वाली जंग भारत स्वदेशी हथियारों से लड़ेगा और दुश्मनों को हराएगा। बता दें कि डीआरडीओ के एक कार्यक्रम में शामिल हुए सीडीएस रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि मौजूदा समय में भारत उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में हम जिस रफ्तार से आत्मनिर्भर हो रहे हैं, वह बेहद जरूरी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डीआरडीओ 18-24 महीनों यानि दो साल के अंदर भारतीय सेना को 200 ATAGS होवित्जर तोपें दे सकता है।

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