बिना लाइसेंस के अब टू व्हीलर नहीं खरीद पाएंगे आप, जानें पूरी बात

जो पुरानी पद्धति है उसके मुताबिक टू ह्वीलर डीलरों को सबसे पहले परिवहन विभाग की वेबसाइट पर वाहन बेचने के लिए सभी दस्तावेजों को अपलोड करना होता है।

Update: 2021-01-01 07:04 GMT
पुलिस के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों के अनलॉकडाउन में लगभग 50,000 से भी अधिक मोटरसाइकिल और स्कूटर चालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

मिदनापुर: कोलकाता पुलिस ने बाइकरों की उद्दंडता पर नकेल कसने की कवायद तेज कर दी है। जिसके बाद से यहां पर पुलिस अपनी पुरानी पद्धति को फिर से लागू करने जा रही है। इस पद्धति के तहत बिना लाइसेंस के टू ह्वीलर नहीं खरीदे जा सकते हैं।

इस बाबत कोलकाता पुलिस ने परिवहन विभाग को एक पत्र देकर इस संबंध में कड़ा एक्शन लेने को कहा है।

इस सम्बन्ध में पुलिस अधिकारियों के साथ मासिक अपराध दमन की बैठक में इस मुद्दे को कोलकाता पुलिस के आयुक्त अनुज शर्मा ने सभी अधिकारियों के समक्ष रखा।

पुलिस के आयुक्त ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बाइकरों की उद्दंडता पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? पुलिस अधिकारियों से उन्होंने सवाल किया कि क्या वे खुद सडक़ पर उतर कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें।

काफी विचार विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि बिना लाइसेंस के किसी को भी बाइक या स्कूटर न बेचने की पुरानी पद्धति का कड़ाई से पालन कराया जाये।

बिना लाइसेंस के अब टू व्हीलर नहीं खरीद पाएंगे आप, जानें पूरी बात (फोटो:सोशल मीडिया)

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एक्सीडेंट की घटनाओं को कंट्रोल करने के लिए बने थे नियम

राज्य सरकार ने एक समय में सडक़ दुर्घटनाओं से बचने के लिए इस तरह के निर्देश जारी किए थे। लेकिन यह नियम रजिस्टर में ही दबकर रह गया। अभी तक इसे सख्ती से लागू नहीं किया गया है। पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर इसे सख्ती से लागू करने पर विचार किया जा रहा है।

50 हजार से अधिक मामले दर्ज

पुलिस के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों के अनलॉकडाउन में लगभग 50,000 से भी अधिक मोटरसाइकिल और स्कूटर चालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या भी इस दौरान कुछ बढे हैं। पिछले एक महीने में इस तरह की कम से कम 24 मौतें हुई हैं। सडक़ हादसों में घायलों की संख्या 90 से अधिक है।

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गाड़ियों का चालान करते ट्रैफिककर्मी (फोटो: सोशल मीडिया)

क्या है वाहन बिक्री के नियम

प्राप्त जानकारी के अनुसार जो पुरानी पद्धति है उसके मुताबिक टू ह्वीलर डीलरों को सबसे पहले परिवहन विभाग की वेबसाइट पर वाहन बेचने के लिए सभी दस्तावेजों को अपलोड करना होता है। आवेदन में भेजे गए फोटो के साथ बाइक के विवरण की जांच करने के बाद, मोटर वाहन कार्यालय के तकनीकी अधिकारियों द्वारा इसे आरटीओ कार्यालय में भेजा जाता है।

सब कुछ चेक करने के बाद, आरटीओ कार्यालय से डीलर को पंजीकरण की मंजूरी दी जाती है। डीलर नंबर प्लेट बनाकर परिवहन विभाग की साइट पर तस्वीर फिर से अपलोड करता है। इसकी जांच करने के बाद, अंतिम पंजीकरण प्रमाण पत्र या आरसी बुक सौंपी जाती है।

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