युवती की जिद के आगे झुका रेलवे, इकलौती सवारी के लिए 535 किमी चलानी पड़ी ट्रेन

एक युवती की जिद के आगे रेलवे को झुकना पड़ा और इकलौती सवारी के लिए राजधानी एक्सप्रेस को 535 किलोमीटर दूर रांची भेजना पड़ा।

Update: 2020-09-04 04:39 GMT

अंशुमान तिवारी

रांची: एक युवती की जिद के आगे रेलवे को झुकना पड़ा और इकलौती सवारी के लिए राजधानी एक्सप्रेस को 535 किलोमीटर दूर रांची भेजना पड़ा। रेलवे के इतिहास में शायद यह पहला मौका है जब सिर्फ एक सवारी के लिए ट्रेन को सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा।

युवती को छोड़कर सभी यात्री उतरे

दरअसल रेलवे ट्रैक पर चल रहे आंदोलन के कारण राजधानी एक्सप्रेस को डालटनगंज स्टेशन पर ही रोक दिया गया था और ट्रेन में सवार 930 यात्रियों में से 929 यात्री यहीं पर उतरकर बसों से अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए थे। मगर इस युवती ने जिद पकड़ ली कि जब रांची का टिकट कटाया है तो रांची तक ट्रेन से ही जाएंगे।

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एक महिला के लिए 535 किमी चलानी पड़ी ट्रेन (फाइल फोटो)

आखिरकार रेलवे को भी युवती की जिद के आगे झुकना पड़ा और उसे 535 किलोमीटर दूर रांची भेजना पड़ा। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एलएलबी की पढ़ाई करने वाली इस युवती का नाम अनन्या है और वह मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर रांची के लिए नई दिल्ली-रांची स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस में सवार हुई थी। डालटनगंज के रेलवे स्टेशन प्रबंधक अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि अनन्या राजधानी के बी-3 कोच में 51 नंबर बर्थ पर बैठी हुई थी।

आंदोलन के कारण डालटनगंज में रोकी ट्रेन

एक महिला के लिए 535 किमी चलानी पड़ी ट्रेन (फाइल फोटो)

लातेहार जिले के टोरी में टाना भगतो के रेलवे ट्रैक पर चल रहे आंदोलन के कारण डालटनगंज में ही ट्रेन को रोक दिया गया। पहले तो रेलवे के अफसरों ने सोचा कि यदि आंदोलन खत्म हो गया तो ट्रेन को आगे रांची पहुंचा दिया जाएगा। मगर आंदोलन खत्म न होने से इस बाबत रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को जानकारी दी गई।

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रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने ट्रेन को डालटनगंज में ही रोककर बसों से यात्रियों को रांची भेजने का आदेश दिया। उनके निर्देश के बाद यात्रियों को बसों से भेजने की व्यवस्था की गई और ट्रेन को डाल्टनगंज में ही रोक दिया गया। ट्रेन के 930 यात्रियों में से 929 यात्री बसों से अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए मगर अनन्या ट्रेन से ही रांची जाने पर अड़ गई।

कार से भेजने की बात ठुकराई

एक महिला के लिए 535 किमी चलानी पड़ी ट्रेन (फाइल फोटो)

अनन्या के अड़ जाने के बाद रेल अधिकारियों ने उसे कार से रांची भेजने का प्रस्ताव रखा मगर अनन्या अपनी जिद पर अड़ी रही। उसका कहना था कि जब टिकट कटाया है तो राजधानी एक्सप्रेस से ही रांची जाएंगे।

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अनन्या के अपनी जिद पर अड़ जाने के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को इस बाबत जानकारी दी गई। चेयरमैन ने डीआरएम को मैंने अनन्या को राजधानी से ही रांची भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने ट्रेन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को भी कहा।

ट्रेन को तय करनी पड़ी 535 किमी की दूरी

एक महिला के लिए 535 किमी चलानी पड़ी ट्रेन (फाइल फोटो)

राजधानी एक्सप्रेस को डालटनगंज से सीधे रांची जाना था और डालटनगंज से रांची की दूरी 308 किलोमीटर है। मगर टोरी में रेलवे ट्रैक पर चल रहे आंदोलन के कारण ट्रेन को गया से गोमो और बोकारो होकर रांची भेजना पड़ा। इस कारण ट्रेन को 308 किलोमीटर की जगह 535 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी।

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ट्रेन में सिर्फ एक महिला यात्री होने के कारण आरपीएफ की कई महिला सिपाहियों की तैनाती भी करनी पड़ी। रेलवे के एक अफसर का कहना है कि उन्हें याद नहीं कि सिर्फ एक यात्री के लिए राजधानी एक्सप्रेस ने 535 किलोमीटर की दूरी तय की हो।

रात में पौने दो बजे रांची पहुंची ट्रेन

एक महिला के लिए 535 किमी चलानी पड़ी ट्रेन (फाइल फोटो)

राजधानी एक्सप्रेस को शाम करीब चार बजे डालटनगंज से वापस गया ले जाया गया और फिर गोमो और बोकारो होते हुए ट्रेन रांची के लिए रवाना हुई। ट्रेन रात में करीब पौने दो बजे रांची रेलवे स्टेशन पर पहुंची। बाद में मीडिया से बातचीत में अनन्या ने कहा कि डालटनगंज में ट्रेन को घंटों खड़ा रखा गया।

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इसके बाद रेलवे की ओर से कुछ खटारा बसों का प्रबंध कर उससे रांची जाने को कहा गया। ट्रेन के अन्य यात्री तो उतर गए, लेकिन मैंने कहा कि टिकट कटाने के बाद मुझे रांची तक पहुंचाना आप लोगों की जिम्मेदारी है और रेलवे इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकता।

युवती की जिद पर आखिरकार झुकना पड़ा

एक महिला के लिए 535 किमी चलानी पड़ी ट्रेन (फाइल फोटो)

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शुरुआत में रेलवे के अधिकारी अपनी जिद पर अड़े हुए थे, लेकिन मैंने ट्रेन से उतरने से इनकार कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ एक यात्री के लिए ट्रेन नहीं चलाई जा सकती, लेकिन मैंने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया। उसके बाद आखिरकार शाम को ट्रेन रवाना की गई। रेलवे के इतिहास अपनी तरह का यह पहला मामला बताया जा रहा है जब सिर्फ एक यात्री के लिए 535 किलोमीटर दूर ट्रेन को भेजना पड़ा।

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