मिसाल बनी महिला अफसर: पूरे देश में हो रही चर्चा, ऐसे लड़ रही हैं कोरोना से जंग

श्रीजना अपने बेटे को जन्म देने के केवल 22 दिनों बाद अपने कार्यालय लौट गई हैं। श्रीजना के बच्चे को जन्म देने के कुछ समय बाद ही केंद्र सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। जिसकी वजह से उन्हें अपनी ड्यूटी पर लौटना पड़ा।

Update: 2020-04-12 06:44 GMT

नई दिल्ली: पूरे विश्व में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग छिड़ी हुई है, हम एक ऐसी लड़ाई लड़ रहे हैं जिसमें हमारा दुश्मन अदृश्य होकर सामने से प्रहार कर रहा है। ऐसे में देश में बहुत से ऐसे हीरो हैं जो परिवार से पहले अपनी ड्यूटी को पहले स्थान पर रखते हैं। ऐसी ही एक कोरोना योद्धा हैं ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम (जीवीएमसी) की आयुक्त 'जी श्रीजना'। वह कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच सही मायनों में एक फ्रंटलाइन वारियर बन गई हैं।

श्रीजना अपने 22 दिन के बच्चे के साथ ड्यूटी पर लौटीं

बता दें कि श्रीजना अपने बेटे को जन्म देने के केवल 22 दिनों बाद अपने कार्यालय लौट गई हैं। श्रीजना के बच्चे को जन्म देने के कुछ समय बाद ही केंद्र सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। जिसकी वजह से उन्हें अपनी ड्यूटी पर लौटना पड़ा।

जब श्रीजना से पूछा गया कि वह कैसे अपने आधिकारिक कार्यों के साथ बच्चे की देखभाल करती हैं तो उन्होंने कहा कि उनके वकील पति और मां इसमें उनका पूरा साथ देते हैं। उन्होंने बताया कि वह हर चार घंटे बाद अपने घर जाती हैं ताकि अपने नवजात को दूध पिला सकें और इसके बाद काम पर लौट आती हैं।

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देश को आपातकालीन सेवाओं की जरूरत है

इस दौरान उनके पति और मां बच्चे की देखभाल करते हैं। एक जिम्मेदार और प्रमुख अधिकारी के रूप में, उन्होंने कहा कि वह इन कठिन समय के दौरान काम पर रहने के महत्व से अवगत हैं और जानती हैं कि इस मुश्किल समय में आपातकालीन सेवाओं की कितनी आवश्यकता है।

वायरस को बढ़ने से रोकना है

श्रीजना ने कहा कि जिला प्रशासन वायरस के खतरे को रोकने के लिए एक संयुक्त कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, 'जीवीएमसी यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है कि मैदानी स्तर पर सेनेटरी का काम हो। गरीबों के लिए जरूरी आवश्यकताओं को प्रदान करना और जिला अधिकारियों के साथ सभी स्तरों पर समन्वय स्थापित करना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वायरस को विशाखापत्तनम में ही रोका जाए, यह उनके काम का हिस्सा है।'

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आयुक्त ने बताया कि आपातकाल के दौरान ड्यूटी संभालने और लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा, 'मेरी भूमिका इस कोशिश में केवल एक छोटा सा हिस्सा है। मेरे पूरे परिवार ने मुझे इस प्रतिबद्धता के लिए काम करने की ताकत दी है।'

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