Earthquake: भूकंप से बचाव के लिए ये जरूरी उपाय, नोएडा सबसे खतरनाक जोन में
Earthquake: भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसका अंदाजा लगा पाने में हम सक्षम नहीं है। कब, कहां धरती अचानक हिल जाएगी वैज्ञानिकों को यह बता पाना बड़ा मुश्किल काम है।
Earthquake: भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसका अंदाजा लगा पाने में हम सक्षम नहीं है। कब, कहां धरती अचानक हिल जाएगी वैज्ञानिकों को यह बता पाना बड़ा मुश्किल काम है। देश में पिछले दो महीने में लगभग 15 बार भूकंप आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में दिल्ली एनसीआर के लिए बड़े खतरे का संकेत हैं। यूपी मणिपुर और गुजरात में भूकंप के झटके महसूस किए गए। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के अमरेली जिले में शनिवार सुबह 3.2 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गये। भूकंप विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ISR) ने इस बात की जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप से किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
बता दें कि इससे पहले मणिपुर के उखरुल में शनिवार सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किये गये थे। उखरुल में 4.0 की तीव्रता के झटके महसूस किये गये थे। इससे पहले शुक्रवार 3 फरवरी की शाम में उत्तर प्रदेश के शामली जनपद में भूकंप के झटके महसूस किये गये थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई थी।
नोएडा सबसे खतरनाक जोन में
जानकारों का कहना है कि दिल्ली एनसीआर को सबसे बड़ा खतरा हिमालय रीजन की बेल्ट से है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार दिल्ली में बड़े भूकंप की आशंका कम है। लेकिन, दिल्ली एनसीआर को सबसे बड़ा खतरा हिमालय रीजन बेल्ट से हे। इसके अलावा लगातार बढ़ता निर्माण कार्य और यहां की रेतीली जमीन भी बड़ी वजह है।
भूकंप से बचाव के लिए सावधानियां
भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो संभलने का मौका नहीं देती है, लेकिन थोड़ा सजग रहकर आप जिंदगी बचाने की कोशिश जरूर कर सकते हैं। इसलिए इस रिपोर्ट में जानेंगे कि भूकंप जैसी स्थिति से निपटने के लिए आप कैसे तैयार रह सकते हैं। भूकंप के झटके जैसे ही महसूस हो तुरंत बिना देर किए घर, ऑफिस से निकल खुल जगह पर निकल जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ो, बिजली के खंभो से दूरी बनाकर रखें। बिल्डिंग से बाहर निकलने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। सीढ़ियों से ही नीचे सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की कोशिश करें। भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे आदि सामानों से दूरी बनाकर रखें ताकि इनके गिरने से चोट न लगे। अगर गाड़ी के अंदर हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स खंभो, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़के के किनारे या खुले मैदान में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।
भूकंप को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता को तय किया जाता है। आइये जानते हैं कितने रिक्टर स्केल पर भूकंप खतरनाक हो जाता है।
- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है
- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए
- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं
- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
- 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है. -
- 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
- 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
- 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी।