5 राष्ट्रीय और 30 क्षेत्रीय पार्टियों ने अभी तक चुनाव आयोग की नहीं दी ये बड़ी जानकारी
प्रमुख राजनीतिक दल जैसे बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, डीएमके, आरजेडी, शिवसेना, तेलुगुदेशम पार्टी, एआईएमआईएम और आल इंडिया फॉरवर्ड ब्लाक भी शामिल हैं। यह खुलासा एडीआर की रिपोर्ट में हुआ है।
लखनऊ: राजनीतिक दलों के लिए विभिन्न आय स्रोतों से प्राप्त चंदे की आडिट रिपोर्ट देना अनिवार्य होने के बावजूद पांच राष्ट्रीय दलों तथा 30 क्षेत्रीय दलों ने आज तक अपनी ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग में दाखिल नहीं की है। इनमें प्रमुख राजनीतिक दल जैसे बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, डीएमके, आरजेडी, शिवसेना, तेलुगुदेशम पार्टी, एआईएमआईएम और आल इंडिया फॉरवर्ड ब्लाक भी शामिल हैं। यह खुलासा एडीआर की रिपोर्ट में हुआ है।
राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित आय: वित्तीय वर्ष-2018-2019
-वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान 3 राष्ट्रीय और 22 क्षेत्रीय दलों की कुल आय 1163.17 करोड़ रुपए थी।
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-बीजेपी ने सबसे अधिक 249.31 करोड़ रुपए की आय घोषित की है जो 25 दलों की कुल आय का 21.43% है। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस का नंबर आता है। जिसकी कुल आय 192.65 करोड़ रुपए (दलों की कुल आय का 16.56%) और टीआरएस ने अपनी कुल आय 188.71 करोड़ रुपए घोषित की है जो सभी 25 दलों की कुल आय का 16.22% है।
-शीर्ष तीन दलों की कुल आय मिलाकर 630.67 करोड़ रुपए है जो 25 दलों की कुल आय का 54.22% है|
राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की कुल आय की तुलना- वित्तीय वर्ष 2017-18 और 2018-19 के बीच
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-25 राजनीतिक दलों के ऑडिट रिपोर्ट से पता चलता है कि 17 दलों ने वित्तीय वर्ष 2017-18 की तुलना में वित्तीय वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान अपनी आय में वृद्धि दिखाई है जबकि 6 दलों ने अपने आय कम घोषित की है।
-वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए दो क्षेत्रीय दलों (पीडीए और एनडीपीपी) का ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अभी तक उपलब्ध नहीं है।
-वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान, 23 राजनीतिक दलों की कुल आय 329.46 करोड़ रुपए थी जो वित्तीय वर्ष 2018-19 में 251% (825.68 करोड़) बढ़कर 1155.14 करोड़ रुपए हो गई।
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-बीजेडी ने वित्तीय वर्ष 2017-18 की तुलना में इस साल (वित्तीय वर्ष 2018-19) 235.19 करोड़ रुपए की आय अधिक दिखाई है।
इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने 187.48 करोड़ रुपए और वाईएसआर कांग्रेस ने 166.84 करोड़ रुपए की आय में वृद्धि घोषित की है।
राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों द्वारा खर्च नहीं की गई आयः वित्तीय वर्ष 2018-19
वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान 22 दलों (तीन राष्ट्रीय दलों को मिलाकर) ने अपनी आय से कम खर्च किया है जबकि 6 दलों ने अपनी एकत्रित आय से अधिक खर्च घोषित किया है।
वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए तृणमूल कांग्रेस ने अपने कुल आय का 94 प्रतिशत, एनडीपीपी ने 87 प्रतिशत और टीआरएस ने 84 प्रतिशत की आय खर्च नहीं की है।
इन 6 राजनीतिक दलों (एसपी, एसएडी, आईएनएलडी, एमएनएस, आरएलडी और एनपीएफ) ने अपनी आय से अधिक खर्च किया है। एसपी ने अपनी आय से 17.12 करोड़ (50.65%) अधिक खर्च दर्शाया है।
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राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों का व्ययवित्तीय वर्ष 2018 19
वित्तीय वर्ष 2018 19 के दौरान तीन राष्ट्रीय और 22 क्षेत्रीय दलों की कुल खर्च 442.73 करोड रुपए थी। शीर्ष तीन दलों ने कुल मिलाकर 214.75 करोड खर्च किए जो 25 राजनीतिक दलों के कुल खर्च का 48.51% था सबसे ज्यादा खर्च करने वाले शीर्ष तीन क्षेत्रीय दलों में वाईएसआर कांग्रेस ने 87.68 करोड (25 दलों के कुल खर्च का 19.81%) का खर्च घोषित किया है। इसके बाद सीपीएम ने 76.15 करोड (25 दलों के कुल खर्च का 17.20%) और एसपी ने 50.92 करोड (25 दलों 25 दलों के कुल खर्च का 11.50%) का खर्च दिखाया है।
राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित सभी आय के स्रोत वित्तीय वर्ष 2018-19
वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान तीन राष्ट्रीय और 22 क्षेत्रीय दलों ने स्वैच्छिक योगदान दान और चुनावी बांड्स से कुल 76.82% (893.60 करोड़ रुपए) की आय अर्जित की है। 25 राजनीतिक दलों ने कुल मिलाकर 587.87 करोड़ रुपए (25 दलों की कुल आय का 50.54%) की राशि चुनावी बांड्स के माध्यम से प्राप्त की है जबकि अन्य दान से दलों को 305.53 करोड़ रुपए (25 दलों की कुल की कुल आय का 26.28%) की राशि मिली है।
वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान तीन राष्ट्रीय दलों में से केवल तृणमूल कांग्रेस ने ही चुनावी बांड्स के माध्यम से 97.28 करोड़ की राशि घोषित की है। बाकी के 22 क्षेत्रीय दलों में से केवल पांच दलों ने ही कुल मिलाकर 490.59 करोड़ रुपए की धनराशि चुनावी बांड्स से दर्शाई है। सदस्यता शुल्क के माध्यम से 25 क्षेत्रीय दलों ने कुल मिलाकर 12.13% या 141.038 करोड़ रुपए की आय प्राप्त की है।