UP-Punjab 2017: घोषणापत्रों पर होगी आयोग की नजर, झूठे वादों पर छिन सकता है चुनाव चिन्ह

Update: 2016-11-01 08:53 GMT

नई दिल्ली: पंजाब और उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर चुनाव आयोग भी सतर्क हो गया है। चुनाव आयोग इन चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक दलों के घोषणापत्र पर कड़ी नजर रखेगा। चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि जो भी पार्टी चुनावी घोषणापत्र में बढ़ा-चढ़ाकर वादे करेगी उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पार्टियों को देना होगा हलफनामा

इस संबंध में चुनाव आयोग के अधिकारी जल्द ही यूपी और पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयार किए गए घोषणापत्रों का निरीक्षण करेंगे। 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक, 'अगर राजनीतिक पार्टियों ने आयोग को स्टांप पेपर पर हलफनामा दिए बिना बड़े-बड़े वादे किए, तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यहां तक की चुनाव चिन्ह तक छीना जा सकता है।'

चुनाव आयोग का ये है मानना

जानकारी के मुताबिक, आयोग ने यह फैसला 23 सितंबर को हुई एक बैठक में लिया है। बैठक से मिले एक आंतरिक पत्र में लिखा है, 'यह माना जाता है कि चुनावी घोषणापत्र ही चुनावी वादों का एक रूप है। जिन्हें पूरा करने के लिए उसी स्तर पर धन की भी जरूरत होती है। मतदाताओं का विश्वास चुनावी वादों पर ही टिका होता है इसलिए उन्हें पूरा किया जाना जरूरी है।'

शिरोमणि अकाली दल ने नहीं निभाया था वादा

गौरतलब है कि पंजाब में साल 2012 के चुनावों में शिरोमणि अकाली दल ने 12वीं कक्षा के छात्रों को लेपटॉप देने का वादा किया था, लेकिन बाद में 1.25 लाख करोड़ का कर्ज होने के कारण पार्टी इससे मुकर गई थी।

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