बंगाल चुनाव तारीखों का होगा ऐलान, आज शाम 4.30 बजे आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस

चार मई से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने जा रही है। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में एक मई से पहले चुनाव कार्यक्रम संपन्न कराने का प्लान बनाया है। आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने सबसे ज्यादा दौरे इन पांच राज्यों (पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल) में किए हैं।

Update: 2021-02-26 07:26 GMT
चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक दल अपने अपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार के बारे में लोकल अखबार, चैनल और अपनी वेबसाइट पर जानकारी देंगे।

नई दिल्ली: देश में आने वाले महीनों में चुनाव का दौर शुरू हो जायेगा। ये चुनाव देश के पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, पुडुचेरी और केरल विधानसभा के लिए होगा जिनकी तारीखों का आज ऐलान हो सकता है। इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग ने दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आज शाम 4.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव तारीखों का ऐलान हो सकता है।

पश्चिम बंगाल में 6 से 8 चरण में हो सकते हैं चुनाव

चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल में 6 से 8 चरण में चुनाव हो सकते हैं, जबकि असम में तीन चरणों में मतदान हो सकता है। इसके अलावा केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक ही चरण में मतदान कराए जाने की संभावना जताई जा रही है। पांचों राज्यों की मतगणना एक ही दिन होगी। एक मई से पहले विधानसभा गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

एक मई से पहले चुनाव कार्यक्रम संपन्न कराने की आयोग की योजना

दरअसल, चार मई से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने जा रही है। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में एक मई से पहले चुनाव कार्यक्रम संपन्न कराने का प्लान बनाया है। आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने सबसे ज्यादा दौरे इन पांच राज्यों (पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल) में किए हैं। अभी भी एक टीम बंगाल के दौरे पर है।

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चुनावों में कोरोना का ख़ास ध्यान रखा जायेगा

चुनाव आयोग के सामने तमिलनाडु और केरल में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए चुनाव संपन्न कराना सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि, चुनाव आयोग का कहना है कि उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए तमाम उपाय किए हैं। इसके साथ ही सुरक्षाबलों का पूरा बंदोबस्त कर लिया गया है।

मतदान के समय में इजाफा किया जा सकता है

बताया जा रहा है कि कोरोना के कारण मतदान के समय में इजाफा किया जा सकता है, ताकी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सके। बंगाल और असम को लेकर चुनाव आयोग ज्यादा फ्रिकमंद है। बंगाल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच 6 से 8 चरण में मतदान कराने की संभावना है।

मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों (CAF) की तैनाती

पिछले दिनों जब मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा बंगाल के दौरे पर थे तो उन्होंने कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश के अधिकारियों के साथ नाराजगी और निराशा जताई थी। सुनील अरोड़ा ने कहा था कि ये बहुत बुरी स्थिति है। इस पर डीजीपी और मुख्य सचिव ने कहा था कि चुनाव आने तक कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक हो जाएगी। साथ ही वादा किया गया था कि मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों (CAF) की तैनाती होगी, जबकि बंगाल पुलिस के जवान केंद्र से काफी दूर तैनात रहेंगे।

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सुरक्षाबलों की 125 कंपनियों की होगी तैनाती

चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि बंगाल में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की 125 कंपनियों की तैनाती की जाएगी। इसमें सीआरपीएफ की 60 कंपनी, बीएसएप की 25 कंपनी, एसएसबी की 30 कंपनी, सीआईएसएफ की 5 कंपनी और आईटीबीपी की 5 कंपनी शामिल है।

यहां जानें किस राज्य में कितनी सीटों पर होंगे चुनाव-

बंगाल की 294 सीटों पर चुनाव

बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें है, जिन पर चुनाव होना है। पिछले चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 211 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर कांग्रेस थे, जो सिर्फ 44 सीट जीतने में कामयाब हो पाई थी। 2016 के चुनाव में बीजेपी सिर्फ तीन सीट जीती थी, लेकिन इस बार का मुकाबला टीएमसी और बीजेपी के बीच ही बताया जा रहा है।

असम की 126 सीटों पर होगा चुनाव

असम की 126 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने वाला है। 2016 में हुए चुनाव में यहां बीजेपी ने सरकार बनाई थी। उसके 86 प्रत्याशी जीते थे, जबकि लंबे समय तक असम की सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस महज 26 सीटों पर सिमट गई थी। इस बार असम की लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस गठबंधन के बीच ही है।

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तमिलनाडु की 232 सीटों पर होगा चुनाव

बंगाल और असम के अलावा तमिलनाडु में चुनाव होना है। यहां की 232 सीटों पर चुनाव होगा। 2016 में एआईडीएमके ने शानदार जीत दर्ज करते हुए 136 सीटों पर अपना परचम फहराया था। वहीं, डीएमके 98 सीटों पर सिमट गई थी। इस बार जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु की सियासत काफी बदल गई है।

पुडुचेरी में इन दिनों राष्ट्रपति शासन, 30 सीटों पर होगा चुनाव

केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में इन दिनों राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है, क्योंकि वहां की कांग्रेस सरकार अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई है। पुडुचेरी में 30 सीटों पर चुनाव होता है, जबकि विधानसभा के तीन सदस्य नामित होते हैं। 2016 के चुनाव में कांग्रेस 15 सीटों पर जीती थी और डीएमके साथ मिलकर सत्ता में आई थी। जबकि मुख्य विपक्षी दल एआईएनआरसी 8 सीटें ही जीत पाई थी।

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140 सीटों पर केरल में होगा चुनाव

केरल की 140 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। 2016 के चुनाव में वामदलों की अगुवाई वाली एलडीएफ ने 91 सीटों पर जीत दर्ज करके सरकार बनाई थी, वहीं कांग्रेस की अगुवाई यूडीएफ 47 सीट जीतने में कामयाब हुई थी। इस बार भी लड़ाई एलडीएफ और यूडीएफ के बीच ही है।

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