महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: राजनीति में भी पीढ़ियों का बदलाव

Update: 2023-08-28 15:33 GMT

लखनऊ: देश की राजनीति में राजनीतिक परिवारों से जुड़े नेताओं युवाओं का चुनावी मैदान में उतरना कोई नई बात नहीं है। इस बार महाराष्ट्र में हो रहे विधानसभा चुनाव में भी यह नजारा साफ दिख रहा है। प्रदेश के तीन सबसे बड़े और ताकतवर माने जाने वाले राजनीतिक परिवारों ठाकरे फैमिली, पवार फैमिली और विलासराव देशमुख परिवार से युवा नेता इस बार के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं।

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आदित्य ठाकरे

विधानसभा चुनाव में बाला साहब ठाकरे के परिवार से लेकर दूसरे बड़े राजनीतिक परिवार शरद पवार के परिवार की तीसरी पीढ़ी ने इस चुनाव में दस्तक दी है। वर्ली विधानसभा सीट महाराष्ट्र में शिवसेना के लिहाज से सबसे जिताऊ सीट कही जाती है। इस सीट से शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे चुनाव मैैदान में उतरे हैं। खास बात यह है कि पहली बार ठाकरे परिवार का कोई व्यक्ति विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरा है। यही कारण है कि चुनाव में उनके परिवार के ही दूसरे सदस्य और राजनीतिक ताकत रखने वाले एमएनस पार्टी के राज ठाकरे ने यूपी की समाजवादी पार्टी की शैली में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है।

चर्चा है कि चुनाव बाद गठबंधन के तहत यदि शिवसेना की सीटों की संख्या ठीकठाक रहती है तो शिवसेना मुख्यमंत्री पद पर आदित्य ठाकरे को लेकर दबाव बना सकती है।

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रोहित पवार

आदित्य ठाकरे के बाद विपक्ष की तरफ से रोहित पवार का नाम चर्चा में है। रोहित महाराष्ट्र की राजनीति में कई साल तक एकछत्र राज करने वाले शरद पवार परिवार की तीसरी पीढ़ी के उभरते नेता हैं। रोहित कर्जत जामखेड सीट से चुनाव मैदान में हैं। उनके खिलाफ फणनवीस सरकार में राज्यमंत्री राम शिंदे चुनाव मैदान में उतरे हैं। रोहित पहले जिला परिषद के सदस्य रहे हैं।

धीरज देशमुख

इनके अलावा जो तीसरा सबसे बड़ा नाम चर्चा में है वह है विलासराव देशमुख परिवार के तीसरे बेटे धीरज देशमुख का। धीरज लातूर से चुनाव लड़ रहे है। धीरज के लिए उनके भाई और फिल्म स्टार रितेश देशमुख चुनाव प्रचार में लगातार खून पसीना बहा रहे हैं। वे धीरज को जिताने के लिए कई स्थानों पर सभाएं और रोडशो कर चुके हैं। उनके भाई अमित देशमुख भी चुनाव प्रचार में मेहनत कर रहे हैं। वह पहले से ही विधायक है और उनका क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है।

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रोहिणी खड़से

इसी तरह महाराष्ट्र भाजपा में एक और बड़ा नाम है एकनाथ खड़से का। भाजपा ने इस बार खड़से को टिकट नहीं दिया है। भाजपा की ओर से इस बार उनकी बेटी रोहिणी खड़से को टिकट दिया गया है। वह पहली बार चुनाव मैदान में उतरी हैं और जलगांव की मुक्ताईनगर सीट से चुनाव लड़ रही है। पहले टिकट कटने पर नाराजगी जता चुके खड़से ने अब कहा है कि वह पार्टी के निर्देश का पालन करेंगे।

अनिकेत देशमुख

इनके अलावा लगभग पांच दशक तक विधानसभा के सदस्य रहे शेतकरी कामगार पार्टी के विधायक गणपत राव देशमुख ने अपने पोते अनिकेत देशमुख को चुनाव मैदान में उतारा है और खुद उनके लिए वोट मांग रहे हैं। अनिकेत देशमुख मेडिकल की पढ़ाई छोडक़र अपने दादा की राजनीतिक विरासत के वारिस बने हैं।

ऋतुराज पाटिल

इसी तरह कोल्हापुर साऊथ विधानसभा सीट पर पद्मश्री डी.वाई.पाटिल के नाती ऋतुराज पाटिल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। ऋतुराज अभी सिर्फ 29 वर्ष के हैं। ऋतुराज कड़े मुकाबले में फंसे हुए हैं। उनका मुकाबला भाजपा के अमल महादिक से है जो इस समय विधायक हैं।

कई और युवा भी मैदान में

महाराष्ट्र चुनाव में इस बार तीसरी और युवा पीढ़ी का काफी जोर है। भोकरदन सीट से भाजपा के संतोष दानवे पाटील, साकोली से परिणय फुके, शिवाजीनगर सीट से सिद्धार्थ शिराले, अहमदनगर सीट से संग्राम जगताप, रायगढ़ से आदिती तटकरे, बीड सीट से संदीप क्षीरसागर , कलवा मुंब्रा सीट से शिवसेना की दीपाली सैय्यद के अलावा कई युवा नेता अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जिनके परिवार का कोई न कोई सदस्य राजनीति में रहा है।

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