Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने बता दिया, गुजरात और हिमाचल में कांग्रेस जीतेगी या हारेगी

राजस्थान के उदयपुर में संपन्न हुई कांग्रेस के चिंतन शिविर को लेकर पीके ने ऐसी बातें कही है। प्रशांत किशोर ने आगामी गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की भी भविष्यवाणी कर दी।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-05-20 12:06 GMT

प्रशांत किशोर। (Social Media) 

Prashant Kishor: कुछ समय पहले तक कांग्रेस की डूब रही नैया के खेवनहार बनने की कोशिश करने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) अब कांग्रेस और गांधी परिवार पर हमलावर हैं। हाल ही में राजस्थान के उदयपुर में संपन्न हुई कांग्रेस के चिंतन शिविर (congress chintan shivir) को लेकर पीके ने ऐसी बातें कही है, जो निश्चिततौर पर कांग्रेस के गले नहीं उतरेगी। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर से कांग्रेस पार्टी को भी हासिल नहीं हुआ है। कांग्रेस (Congress) नेतृत्व यानि गांधी परिवार को इसके जरिए अपना वजूद बचाने के लिए समय जरूर मिल गया है। इसके साथ ही पीके ने आगामी गुजरात (Gujarat Election) और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election) में कांग्रेस की हार की भी भविष्यवाणी कर दी।

पीके का ट्वीट

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा - मुझे बार – बार उदयपुर चिंतन शिविर (udaipur chintan camp) पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया है, मगर मेरे हिसाब से उदयपुर चिंतन शिविर (udaipur chintan camp) पूरी तरह से फेल रहा है। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व को कम से कम गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों तक मौजूदा मुद्दों को टालने का समय जरूर मिल गया है।

कांग्रेस में जाने की असफल कोशिश

प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बीत माह अप्रैल में कांग्रेस आलाकमान के सामने पार्टी में जान फूंकने के लिए 600 पन्नों का प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें उन्होंने संगठन को दोबारा रिवाइव करने के लिए कई जरूरी बातें कहीं थीं। जिसका उल्लेख कांग्रेस ने अपने चिंतन शिविर में भी किया है और उसे लागू करने का ऐलान भी किया है। वन पोस्ट-वन पर्सन का फॉर्मूला और कांग्रेस कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट का पुनर्गठन का विचार उन्हीं के देन है। पीके के सुझावों से कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व सहमत था, लेकिन फिर भी बात आगे नहीं बढ़ सकी। कांग्रेस ने पीके के इच्छानुसार उन्हें पार्टी में फ्री हैंड देने से एक तरह से मना कर दिया, लिहाजा एकबार फिर दोनों साथ आने – आने से रह गए।

बता दें कि कांग्रेस के साथ बातचीत परवान नहीं चढ़ने के बाद प्रशांत किशोर अब अपनी सियासी जमीन तलाशने में जुट गए हैं। इसके लिए उन्होंने अपना गृह राज्य बिहार को चुना है। पीके ऐलान कर चुके हैं कि आगामी 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के दिन बिहार में 3000 हजार किलोमीटर की पदयात्रा निकालेंगे। इस दौरान वे 17 हजार ऐसे लोगों से मुलाकात करेंगें, जिनमें बिहार की समस्याओं को सुलझाने की क्षमता है और बिहार को बदलने का जज्बा है। हालांकि पीके ने फिलहाल अपनी किसी भी राजनीतिक पार्टी का गठन करने से इनकार किया है।

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