Delhi News: दिल्ली शराब घोटाला मामले में एक और गिरफ्तारी, ईडी ने अमित अरोड़ा को गिरफ्तार किया

ED Action in Delhi: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार मामले में बड़ी कार्रवाई करते अमित अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया है।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2022-11-30 04:21 GMT

Enforcement Directorate arrests Amit Arora in excise policy case (Pic: Social Media)

Delhi News Today: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार मामले में बड़ी कार्रवाई करते अमित अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। अमित अरोड़ा गुरुग्राम का कारोबारी है। अमित अरोड़ा बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक है। सूत्रों के मुताबिक अमित अरोडा को धनशोधक रोकथाम कानून की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने 17 अगस्त को इस मामले में जो एफआईआर दर्ज की थी उसमें अमित अरोड़ा का नाम भी शामिल था। 

बता दें कि इससे पहले ईडी ने देश के चर्चित शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने इस मामले में इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ऑनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर को भी गिरफ्तार किया है। 

25 नवंबर को दाखिल हुई थी चार्जशीट

सीबीआई ने इस मामले 25 नंवबर को 7 आरोपियों के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में आप के कम्युनिकेशन इंचार्ज विजय नायर के साथ अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, अरुण पिल्लई, मुत्थु गौतम, कुलदीप सिंह और नरेंद्र सिंह आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को नाम नहीं है।  इस मामले में आज 30 नवंबर 2022  को साउथ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी। 

आम आदमी पार्टी सरकार की आबकारी नीति 2021-2022 को लागू करने में हुई गड़बड़ियों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय एजेंसी जांच कर रही है। इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी आरोपी बनाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बताया अमित अरोड़ा दिल्ली में शराब के व्यापार का मुख्य खिलाड़ी है।

गौरतलब है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की शऱाब नीतियों में जब भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे तब उपराज्यपाल वीके सक्सेना सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद में दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति वापस ले ली थी। आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि नई शराब नीति इसलिए वापस ली जा रही क्योंकि राजस्व को नुकसान हुआ है।     


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