Facebook से भाजपा तक: आंखी दास की राजनीति में एंट्री, लड़ेंगी यहां से चुनाव!
फेसबुक इंडिया के पॉलिसी हेड पद से इस्तीफा देने वाली आंखी दास आखिर भविष्य में क्या करने वाली हैं, इसे लेकर सियासी चर्चाओं का बाजार गरम है। आंखी दास ने इस्तीफा देते समय कहा है कि उन्होंने जन सेवा करने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है।
नई दिल्ली। फेसबुक इंडिया के पॉलिसी हेड पद से इस्तीफा देने वाली आंखी दास आखिर भविष्य में क्या करने वाली हैं, इसे लेकर सियासी चर्चाओं का बाजार गरम है। आंखी दास ने इस्तीफा देते समय कहा है कि उन्होंने जन सेवा करने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है। आंखी के इस बयान के बाद ही कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस की ओर से उनके भविष्य में भाजपा में शामिल होंगे की बात कही गई है। इन दोनों दलों का कहना है कि आंखी दास अब सियासी मैदान में अपनी किस्मत आजमाएंगी और भाजपा की ओर से उन्हें पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का चेहरा भी बनाया जा सकता है।
एक्सपोज हो चुकी हैं आंखी दास
कांग्रेस के सोशल मीडिया के नेशनल कोऑर्डिनेटर गौरव पांधी ने आंखी दास पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि वे पूरी तरह एक्सपोज हो चुकी हैं। गौरव ने आंखी दास को भाजपा की कठपुतली बताते हुए कहा कि सबके सामने एक्सपोज होने के बाद ही रविशंकर प्रसाद की बॉस आंखी दास ने फेसबुक से इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से उन्हें पश्चिम बंगाल चुनाव में सीएम पद का उम्मीदवार भी घोषित किया जा सकता है।
जनसेवा का मतलब भाजपा में शामिल होना
तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा ने भी आंखी दास पर करारा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि आजकल जनसेवा में रुचि रखने का मतलब भाजपा में शामिल होना ही हो गया है। आंखी दास के इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए महुआ ने ट्वीट किया है कि जन सेवा में रुचि रखने का मतलब 2021 के पश्चिम बंगाल के चुनाव में भाजपा का टिकट पाने से है? उन्होंने कहा कि राजनीति ऐसा मैदान है जहां कुछ भी असंभव नहीं है। आंखी दास को भाजपा की ओर से अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है।
कंपनी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका
उधर दूसरी ओर भारत में फेसबुक के प्रबंध निदेशक अजीत मोहन का कहना है कि आंखी दास ने कुछ सोच कर फेसबुक में अपने पद से हटने का फैसला किया है। वे आगे चलकर जनसेवा के कामों से जुड़ना चाहती हूं और इसी कारण उन्होंने यह कदम उठाया है। मोहन ने कहा कि आंखी फेसबुक के उन पुराने कर्मचारियों में शामिल है जिन्होंने कंपनी को आगे बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आंखी पर लगा था यह आरोप
आंखी पर पिछले दिनों फेसबुक के कंटेंट मॉडरेशन पॉलिसी में भाजपा का पक्ष लेने का आरोप लगा था। उन पर यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने भाजपा और दूसरे दक्षिणपंथी संगठनों के नफरत फैलाने वाले बयानों पर रोक लगाने से जुड़े हुए नियमों को लागू करने का विरोध किया था।
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भाजपा के समर्थन में संदेश डाले
इसके अलावा उन पर यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने फेसबुक कंपनी के कर्मचारियों के ग्रुप पर भाजपा के समर्थन में कई संदेश डाले। इसे लेकर काफी विवाद पैदा होने के करीब ढाई महीने बाद आंखी दास ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। उनकी जगह शिवनाथ ठुकराल ने फेसबुक इंडिया के पॉलसी हेड का पद अस्थायी रूप से संभाल लिया है। इससे पहले ठुकराल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का कामकाज भी देख चुके हैं।
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आंखी ने पुराने दिनों को याद किया
फेसबुक में 9 साल तक काम करने वाली आंखी ने इस्तीफा देते समय अपने सहकर्मियों को संदेश भेजकर पुराने दिनों को भी याद किया है। उनका कहना है कि शुरुआत के समय हम एक छोटा सा स्टार्टअप थे। इसका मकसद भारत के लोगों के साथ जुड़ना था। फेसबुक के साथ 9 साल का सफर तय करने के बाद मुझे लगता है कि हमने अपना लक्ष्य हासिल करने में लगभग कामयाबी हासिल कर ली है। उन्होंने फेसबुक पर पूरा सहयोग करने के लिए मार्क जुकरबर्ग को भी धन्यवाद दिया है। आंखी का कहना है कि उन्होंने कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए अपना अच्छा वक्त दिया है और आगे भी वह किसी न किसी रूप में इस कंपनी के साथ जरूर जुड़ी रहेंगी।
अंशुमान तिवारी
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