Farmer Protest: सरकार और किसान संगठनों के बीच आज चौथे राउंड की बैठक, जानें किन मुद्दों पर नहीं बन रही बात?

Farmer Protest: किसान और सरकार के बीच आज रविवार को चौथे राउंड की बातचीत होगी। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आज चौथे राउंड की बैठक में कोई समाधान निकल सकता है।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2024-02-18 02:21 GMT

Farmer Protest (Pic: Social Media)

Farmer Protest: किसान संगठन अपनी मांगो को लेकर बीते कई दिनों से सड़को पर हैं। एमएसपी पर कानून समेत कई मांगो को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों को पुलिस ने पंजाब और हरियाणा बार्डर पर ही रोक लिया है, इसके बाद किसानों ने भी वहीं पर डेरा जमा लिया है। किसानों और केंद्र सरकार के बीच तीन दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन, तीनों दौर की वार्ता बेनतीजा रही। आज यानी रविवार (18 फरवरी) को किसान संगठनों और सरकार के बीच चौथे दौर की वार्ता होनी है। आज की वार्ता सबसे ज्यादा अहम माना जा रही है। आज की बैठक में अगर बात नहीं बनती है तो ऐसे में माना जा रहा है कि किसान आज ही ये भी निर्णय ले सकते हैं कि वे दिल्ली की तरफ कूच करेंगे या घर वापसी करेंगे।

चौथे दौर की वार्ता में कुछ पॉजिटिव होगा : किसान लीडर

आज यानि रविवार को चौथे दौर की बातचीत में किसानों की तरफ से शामिल होने वाले किसान लीडर सरवन सिंह पंढेर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम पॉजिटिव माइंड सेट के साथ मीटिंग में जाएंगे। हम चाहते हैं सरकार भी पॉजिटिव हो और मीटिंग में कुछ अच्छा निकले। उन्होने कहा हमारा माइंड सेट तो ये है कि बैठक में जाएं और कुछ लेकर ही आएं। हम चाहते हैं सरकार इस मसले का हल करे। सरवन सिंह पंढेर ने कहा हम चाहते हैं सरकार M खरीद की गारंटी का कानून बनाए। अब सरकार तय करे इसे कैसे बनाना है।

इन तीन मांगो लेकर अटकी बात

बता दें कि किसान नेताओं और सरकार के बीच इससे पहले 8, 12 और 15 फरवरी को बैठक हुई थी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। कारण ये रहा किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की अपनी मांग पर अड़े रहे। सरकार ने किसानों की 10 मांगें मान ली हैं। तीन मांगों पर बात अटकी है। यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून, किसानों की कर्ज माफी और 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन देने पर सहमति नहीं बन सकी है।

शंभू बार्डर पर पांचवें दिन यानी शनिवार को भी युवाओं का उपद्रव जारी रहा। वे बार-बार हरियाणा सीमा की तरफ बढ़ते और नारेबाजी करते देखे गए। कुछ युवाओं की ओर से पत्थरबाजी किए जाने पर हरियाणा पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले दागकर उन्हें खदेड़ दिया। दिन भर में करीब तीन बार पुलिस को प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े।    

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