किसान आंदोलन: किसानों का बड़ा ऐलान, बजट वाले दिन संसद की ओर करेंगे कूच

कृषि मंत्री ने कहा कि नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने का सरकार का प्रस्ताव एक ‘‘सर्वश्रेष्ठ पेशकश’’ है और उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकारी किसान संगठन इस पर पुनर्विचार करेंगे और अपने फैसले से अवगत कराएंगे।

Update: 2021-01-25 14:57 GMT
किसानों का ऐलान- 1 फरवरी को संसद की ओर पैदल मार्च करेंगे; इसी दिन पेश होगा बजट

नई दिल्ली : ट्रैक्टर रैली के बाद दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों में से क्रांतिकारी किसान यूनियन के कहा कि अब 1 फरवरी को पैदल संसद भवन तक मार्च किया जाएगा। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली करने के बाद किसानों की अगली योजना संसद की ओर पैदल मार्च करने की है। ये जानकारी क्रांतिकारी किसान युनियन के नेता दर्शन पाल ने सोमवार को दी। उन्होंने कहा कि विभिन्न जगहों से किसान 1 फरवरी को संसद की ओर पैदल मार्च करेंगे।

बता दें कि बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा। 1 फरवरी को केंद्र सरकार अपना बजट पेश करेगी। इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि किसान ट्रैक्टर रैली के लिए गणतंत्र दिवस के अलावा कोई और दिन भी चुन सकते थे, लेकिन उन्होंने अब घोषणा कर दी है।

 

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किसानों का आंदोलन कब खत्म होगा

 

ऐसे में परेड को शांतिपूर्ण तरीके से बिना किसी घटना के अंजाम देना किसानों और पुलिस प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। किसानों का आंदोलन कब खत्म होगा, इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल्द ही प्रदर्शन खत्म होगा। उन्होंने कहा, "सबको अपना विरोध जताने का अधिकार है, हमने जब देखा किसानों की एक छोटी संख्या कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है, हमने उनकी चिंताओं को सुनने का प्रयास किया और बातचीत के जरिए मसला सुलझाने की कोशिश की। हमें उम्मीद है कि ये मुद्दा जल्द ही सुलझ जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद दिल्ली पुलिस ने रविवार को ट्रैक्टर परेड की मंजूरी दी।

 

 

किसानों की प्रतिक्रिया का इंतजार

कृषि मंत्री ने कहा कि नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने का सरकार का प्रस्ताव एक ‘‘सर्वश्रेष्ठ पेशकश’’ है और उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकारी किसान संगठन इस पर पुनर्विचार करेंगे और अपने फैसले से अवगत कराएंगे। सरकार और 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। दसवें दौर की वार्ता में सरकार ने नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने की पेशकश की थी, लेकिन किसान यूनियनों ने इसे खारिज कर दिया था। सरकार ने यूनियनों से 11वें दौर की वार्ता में प्रस्ताव पर पुनिर्वचार करने और अपने निर्णय से अवगत को कहा था।

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ट्रैक्टर पर केवल पांच लोग

किसान नेताओं ने गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड में शामिल होने वाले लोगों से 24 घंटे के लिए राशन उपलब्ध रखने के साथ ही परेड के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि किसी के पास भी कोई हथियार या शराब नहीं होनी चाहिए। भड़काऊ संदेश वाले बैनर की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसान नेताओं ने कहा कि प्रत्येक ट्रैक्टर पर तिरंगा झंडा लगा रहेगा और इस दौरान लोक संगीत एवं देशभक्ति गीत बजेंगे। प्रत्येक ट्रैक्टर पर केवल पांच लोगों के सवार होने की अनुमति रहेगी।

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