Kisan Andolan : किसानों के बीच हुआ समझौता, केंद्र सरकार को दिया एक सप्ताह का समय, ये हैं उनकी मांगे
Kisan Andolan : किसानों और पुलिस अधिकारियों के बीच वार्ता के बाद आंदोलन को अस्थायी रूप से नोएडा लिंक रोड पर दलित प्रेरणा स्थल (अंबेडकर पार्क में) स्थानांतरित कर दिया गया है।
Kisan Andolan : दिल्ली से सटे नाेएडा में किसान संगठनों का प्रदर्शन चल रहा है। किसानों और पुलिस अधिकारियों के बीच वार्ता के बाद आंदोलन को अस्थायी रूप से नोएडा लिंक रोड पर दलित प्रेरणा स्थल (अंबेडकर पार्क में) स्थानांतरित कर दिया गया है। किसानों ने केंद्र सरकार को अपनी मांगें पूरी करने के लिए एक सप्ताह का समय देने का फैसला किया है। इसके साथ ही चेतावनी दी है यदि मांगे पूरी नहीं हुईं तो वह संसद भवन तक मार्च करेंगे।
किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) के नेता सुखबीर खलीफा और पुलिस अधिकारियों के बीच बैठक हुई। इसके बाद किसानों ने अपने विरोध प्रदर्शन को अस्थायी रूप से नोएडा लिंक रोड पर दलित प्रेरणा स्थल (अंबेडकर पार्क) में स्थानांतरित कर दिया है। इसके साथ ही किसान नेता ने चेतवनी दी है कि यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने सहित उनकी विभिन्न मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वह दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
इससे पहले पंजाब के किसानों ने घोषणा की थी कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चर्चा की मांग के लिए दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। उन्होंने नोएडा में दलित प्रेरणा स्थल के पास बैरीकेडिंग को तोड़ दिया था और दिल्ली की ओर बढ़ना शुरू कर दिए थे। हालांकि पुलिस ने किसानों के विरोध मार्च को देखते हुए कई बैरिकेड्स लगा दिए और भारी सुरक्षा बल तैनात कर दी गई।
दिल्ली पुलिस ने नोएडा लिंक रोड, डीएनडी फ्लाई ओवर और कालिंदी कुंज सीमा पर कई बैरिकेड्स लगाए और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि सीमा पर जांच की जा रही है। इसके साथ ही ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रह है।
किसानों की क्या हैं मांगें?
भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) और अन्य किसान संगठनों ने एमएसपी सहित कई मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। किसान संगठनों ने सरकार से कई मांगे की हैं, जो निम्न हैं -
- मुख्य रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी।
- कृषि ऋण माफी।
- किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन।
- बिजली दरों में बढ़ोतरी पर रोक लगाई जाए।
- किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों काे वापस लिया जाए।
- लखीमपुर खीरी हिंसा (2021) के पीड़ितों को न्याय दिया जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल किसा जाए।
- 2020-21 के आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए।