किसानों ने मांगी माफी: आम जनता से कही ये बातें, बोले हमारी मजबूरी समझें

नए कृषि कानूनों के खिलाफ बॉर्डर पर डटे किसानों ने आम जनता से माफी मांगी है और उन्हें हो रही दिक्कतों के लिए खेद जताया है। बता दें कि किसान दिल्ली बॉर्डर पर बीते दो हफ्तों से डटे हुए हैं।

Update: 2020-12-14 10:47 GMT
किसानों ने मांगी माफी: आम जनता से कही ये बातें, कहा- हमारी मजबूरी समझें

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आज 19वें दिन भी किसानों का आंदोलन (Kisan Aandolan) जारी है। पंजाब- हरियाणा, यूपी और राजस्थान समेत कई राज्यों के किसान हजारों की संख्या में कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन रत हैं। केंद्र के साथ कई बार बैठक के बाद भी कानूनों पर कोई हल ना निकलने और मांगें पूरी ना होने के चलते किसानों का गुस्सा अपने चरम पर है। किसानों ने इस कड़ी में पहले हाईवे जाम किए। दिल्ली की सीमाएं घेरी, भारत बंद बुलाया और अब भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।

किसानों ने आम लोगों के लिए निकाला माफीनामा

दिल्ली की सीमाओं पर दो हफ्ते से ज्यादा वक्त से किसानों का जमावड़ा है। अपने घरों से दूर अपनी सेहत की चिंता किए बगैर कड़ाके की ठंड में किसान अपने मांगों को लेकर डटे हुए हैं। वहीं इस धरने की वजह से आम जनता को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लोगों की परेशानी को देखते हुए किसानों ने एक माफीनामा निकाला है। संयुक्त किसान मोर्चा ने माफीनामा निकालते हुए लोगों से उनकी पेरशानी समझने की अपील की है और उन्हें आ रही दिक्कतों के लिए खेद जताया है।

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(फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया)

माफीनामा में कही गई ये बातें

किसानों द्वारा निकाले गए माफीनामा में लिखा है कि हम किसान हैं। लोग हमें अन्नदाता भी कहते हैं। देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह हमारे लिए तीन कानूनों की ऐतिहासिक सौगात लेकर आए हैं। हम कहते हैं कि यह सौगात नहीं सजा है। आप अपना गिफ्ट अपने पास रखिए। अगर हमें सौगात देना चाहते हो तो हमें हमारी फसल का उचित मूल्य देने की कानूनी गारंटी दो। हमें दान नहीं दाम चाहिए।

पर्चे में आगे लिखा है कि बस यहीं मांग लेकर हम देश की राजधानी दिल्ली जाना चाहते हैं, अपनी बात प्रधानमंत्री को सुनाना चाहते हैं, सरकार हम से वार्ता करने का दिखावा तो करती है, लेकिन हमारी बात नहीं सुनती है। सड़क बंद करना, जनता को तकलीफ देना हमारा कोई उद्देश्य नहीं है। हम तो मजबूरी में यहां बैठे हैं। फिर भी हमारे इस आंदोलन से आपको जो तकलीफ हो रही है, उसके लिए आपसे हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं।

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आगे लिखा गया है कि अगर किसी भी बीमार या बुजुर्ग को दिक्कत हो, एंबुलेंस रूकी हो या और कोई भी इमरजेंसी हो तो कृप्या हमारे वॉलंटियर से संपर्क करें वो तुरंत आपकी मदद करेंगे। मैं एक किसान।

अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं किसान

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा के जरिए देश के कई किसान संगठन नए कृषि कानूनों को लेकर धरना दे रहे हैं। किसानों के आंदोलन के चलते दिल्ली का सिंधु बॉर्डर, गाजीपुर सीमा, टिकरी बॉर्डर और अब राजस्थान से हरियाणा को जोड़ने वाला बॉर्डर बंद पड़ा हुआ है। प्रदर्शन की वजह से कई रास्ते बंद हैं, कई जगह डायवर्जन है और जाम लगता है। इससे आम जनता को जो परेशानी हो रही उसके लिए किसानों ने माफी मांगी है। बता दें कि किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी वहीं की जाती, वो हटने वाले नहीं हैं।

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